ओडिशा के कटक शहर में दुर्गा पूजा के पंडालों की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद प्रशासन ने 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है। यह कर्फ्यू 6 अक्तूबर रात 10 बजे से 7 अक्तूबर सुबह 10 बजे तक लागू रहेगा। ये कर्फ्यू भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत लगाया गया है।
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क्या है कर्फ्यू के नियम?
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नरसिंह भोला ने बताया कि इस दौरान सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे, लेकिन अस्पताल, स्कूल और कॉलेज खुलेंगे। इसके अलावा, जरूरी सेवाएं जैसे दवाखाने, किराना दुकानें और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। पुलिस आयुक्त ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर और कदम उठाए जाएंगे। कर्फ्यू से प्रभावित मुख्य इलाकों में दरगाह बाजार, मंगलाबाग, पुरिघाट, लाल बाग और जगतपुर शामिल हैं।
पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती
कटक में शांति बनाए रखने के लिए 60 पुलिस पलटन तैनात किए गए हैं। इसके अलावा रैपिड एक्शन फोर्ट (आरएएफ), बीएसएफ, सीआरपीएफ और ओडिशा स्विफ्ट एक्शन फोर्स के आठ कंपनियां महत्वपूर्ण जगहों और चौराहों पर तैनात की गई हैं।
आम जनता से डीजीपी की अपील
वहीं ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने लोगों से कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। किसी भी जानकारी के लिए पुलिस की वेबसाइट, कमिश्नरेट की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल देखें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कटक में स्थिति अब नियंत्रण में है और हिंसा में शामिल सभी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष ने की शांति की अपील
मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी, पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और स्थानीय विधायक नागरिकों से साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। मुख्यमंत्री माजी ने कहा, ‘साम्प्रदायिक सौहार्द पर कोई समझौता नहीं होगा’ और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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क्यों और कैसे हुई झड़प?
जानकारी के मुताबिक, दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान कटक में दो समुदायों के बीच झड़प हुई। हिंसा की शुरुआत शुक्रवार रात हाती पोखरी इलाके से हुई, जब कुछ स्थानीय लोग विसर्जन रैली में तेज संगीत से नाराज हो गए। रविवार को दोबारा झड़प तब हुई जब वीएचपी की मोटरसाइकिल रैली प्रशासनिक आदेश की अवहेलना करते हुए निकली। सुरक्षा कर्मियों ने रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इसके दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस की रबर की गोलियां व आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। इसमें 25 लोग घायल हुए, जिनमें आठ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। रविवार शाम को गौरीशंकर पार्क के पास कुछ जगहों पर आग लगाई गई, दुकानों और सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाया गया। फायर सर्विस और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर स्थिति काबू में की।
प्रभावित इलाकों में इंटरनेट और सोशल मीडिया बंद
इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स, स्नैपचैट समेत सभी इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह रोक रविवार शाम 7 बजे से सोमवार शाम 7 बजे तक लागू है। प्रशासन ने बताया कि यह कदम ‘उकसाने वाले और भड़काऊ संदेशों’ को रोकने के लिए लिया गया है।