कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की महत्वपूर्ण बैठक में शुक्रवार को पहलगाम आतंकी हमले और केंद्र सरकार की ओर से किए गए जाति जनगणना के एलान पर चर्चा की गई। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया था कि सीडब्ल्यूसी इन दोनों अहम मुद्दों पर बैठक में चर्चा करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं। पहले प्रस्ताव में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की जा सकती है। दूसरे प्रस्ताव में जल्द जाति जनगणना के लिए धन आवंटन की मांग की जा सकती है। बैठक में यह भी मांग उठाई जा सकती है कि संविधान में संशोधन करके आरक्षण पर लगी 50 फीसदी की सीमा को हटाया जाए। साथ ही सरकार से यह अपील भी की जा सकती है कि अनुच्छेद 15(5) को लागू किया जाए, जो निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान करता है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की। इसमें पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अगली जनगणना में जाति के आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा। ऐसा देश की आजादी के बाद पहली बार होगा।
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सीडब्ल्यूसी इससे पहले 24 अप्रैल को भी पहलगाम हमले को लेकर बैठक कर चुकी है, जिसमें उसने पाकिस्तान को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
पहलगाम हमला-जाति जनगणना पर राहुल गांधी ने क्या कहा
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहले कहा था कि 22 अप्रैल के हमले में मारे गए 26 लोगों के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और प्रधानमंत्री को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने जाति जनगणना को लेकर सरकार के फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन यह भी कहा कि 11 साल विरोध करने के बाद अब अचानक फैसला लेने के पीछे क्या मंशा है, यह स्पष्ट होनी चाहिए।
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उन्होंने मांग की कि सरकार जाति जनगणना की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय करे, नहीं तो यह भी महिला आरक्षण विधेयक की तरह अधूरा रह सकता है। राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि सरकार ने कांग्रेस के दबाव में आकर ही जाति जनगणना का एलान किया है।
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