बुधवार की रात आशा, अंकित, रिया और उनका बेटा पहली मंजिल पर सोने चले गए। यशोदा देवी नीचे ही सो रही थीं। बृहस्पतिवार की सुबह करीब सात बजे दूध देने वाला पहुंचा। देखा तो दुकान के शटर का कुछ हिस्सा खुला था। लेकिन कोई मौजूद नहीं था। आवाज लगाई तो भीतर से कोई जवाब नहीं मिला।

अंकित पटवा, पत्नी रिया और मासूम बच्चा
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