डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश पुलिस ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी के छोटे भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। हमूद के खिलाफ लगभग 25 साल पुराने निवेश धोखाधड़ी के तीन मामलों में कार्रवाई की गई है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
अधिकारियों के अनुसार, वह पिछले कई सालों से फरार था और एक खास ऑपरेशन के तहत पकड़ा गया। महू में उसके खिलाफ तीन केस दर्ज थे, जिनकी जांच लंबे समय से लंबित थी। पुलिस के मुताबिक, हमूद ने महू में 1995 के आसपास एक निवेश कंपनी चलाई थी और लोगों से 20% ब्याज देने का वादा कर पैसे जमा कराए।
परिवार लेकर हुआ था फरार
कंपनी दो साल चली और तीसरे साल वह पूरा परिवार लेकर फरार हो गया। इन तीनों केसों में IPC की धारा 420 और अन्य धाराएं लगी थी। इसके अलावा, 1988 और 1989 में उसके खिलाफ दंगा और हत्या के प्रयास के दो मामले भी दर्ज थे। महू के SDOP ने बताया कि उसने सैकड़ों लोगों को फर्जी बैंक बनाकर पैसे दोगुने करने का लालच दिया और फिर साल 2000 में रातों-रात गायब हो गया।
गिरफ्तारी के समय हमूद हैदराबाद में स्टॉक मार्केट निवेश से जुड़ी निजी कंपनी चला रहा था। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इतने सालों तक फरार रहने के दौरान उसकी गतिविधियां क्या थी और किसने उसकी मदद की। जांच तब आगे बढ़ी जब पुलिस ने उसके भाई जवाद सिद्दीकी की पृष्ठभूमि की जांच की और हमूद के पुराने रिकॉर्ड सामने आए।
क्यों चर्चा में है अल फलह यूनिवर्सिटी?
अल फलाह यूनिवर्सिटी इन दिनों दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में भी सुर्खियों में है। इस ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी इसी यूनिवर्सिटी का छात्रा था।
चांसलर को दिल्ली पुलिस का नोटिस
दिल्ली पुलिस ने चांसलर जवाद सिद्दीकी को दो बार नोटिस भेजा है, क्योंकि कुछ गड़बड़ियों को साफ करने के लिए उनका बयान जरूरी माना गया है। पुलिस यह भी देख रही है कि यूनिवर्सिटी से जुड़े कौन लोग संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहे और उनके वित्तीय लेनदेन तथा रिकॉर्ड में क्या मिला।