• Sat. Jan 11th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

Delhi Chunav 2025: कालकाजी विधानसभा में खूब वोटिंग करने की वजह से झुग्गियों के वोटर्स हैं अहम – delhi vidhan sabha election 2025 kalkaji assembly seat bumper voting history slum voters all details

Byadmin

Jan 11, 2025


नई दिल्लीः कालकाजी विधानसभा हॉट सीटों में से एक है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी इसी सीट से 2020 में विधायक बनीं और आगामी चुनाव में भी इसी सीट से दावेदारी कर रही हैं। बीजेपी से पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की महिला कांग्रेस चीफ अलका लांबा इस सीट से दावेदार हैं। यह सीट 1972 में बनी। विधानसभा क्षेत्र में महारानी बाग, कालकाजी, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, ईस्ट ऑफ कैलाश, नेहरू प्लेस, सुखदेव विहार जैसी पॉश कॉलोनियां हैं। दूसरी ओर, गोविंदपुरी, गिरी नगर, ईश्वर नगर, श्रीनिवासपुरी, मसीहगढ़ जैसी रिहायशी कॉलोनियां भी इसके तहत आती हैं। यहां पंजाबी – सिख बहुल इलाके हैं, जिनमें ज्यादातर वोटर्स उन परिवारों से हैं, जिन्हें विभाजन के बाद यहां बसाया गया।वहीं, पूर्वांचल और बंगाल से आए लोग की भी अच्छी-खासी तादाद है। यहां 25 से ज्यादा जेजे कॉलोनी भी बसी हैं। यहां झुग्गी बस्ती के वोटर्स का अहम रोल है, यहां करीब 40% पसेंट वोटर्स झुग्गी बस्ती से हैं।

क्या हैं चुनावी मुद्दे
कालका देवी का मंदिर यहां की पहचान है। विधानसभा के इलाकों के साथ-साथ मुद्दे भी बदलते हैं। कालकाजी, सुखदेव विहार, महारानी बाग के लोगों की शिकायतें सड़क, ट्रैफिक जाम, पार्किंग की समस्या, सीलिंग, सुरक्षा को लेकर हैं। कालकाजी में विभाजन के वक्त के बने पुराने दो मंजिला घर के साथ तंग गलियां, पार्किंग, अतिक्रमण भी हर बार की तरह इस बार भी मुद्दा है। वहीं, P श्रीनिवासपुरी इलाके के लोगों के मुताबिक, सीवेज, गंदगी, जा जैसे मसलों से इलाका जूझ रहा है। जेजे क्लस्टर्स में पानी, सीवेज, वेस्ट मैनेजमेंट, सुरक्षा व्यवस्था जैसे मुद्दे अहम हैं।

जीत-हार में किसकी भूमिका
यहां पंजाबी और सिख वोटर्स का रोल दो बार से आम आदमी पार्टी की जीत काफी हद तक उम्मीदवारों की नजर में रहता है। रिफ्यूजियों से बसाए गए इस इलाके में परिवार दर परिवार कम्युनिटी बढ़ती गई। ऐसे में ज्यादातर उम्मीदवार भी इन्हीं कम्युनिटी से होते हैं। पिछले के पीछे झुग्गी के वोटर्स का बड़ा हाथ रहा। दूसरा, इस इलाके में 25 जेजे क्लस्टर्स हैं, झुग्गी बस्तियों से हर बार 50% से ज्यादा वोटिंग होती है, इसलिए हर कैंडिडेट के लिए यह अहम हैं।

वोटरों का प्रोफाइल

राजनीतिक मिजाज
कालकाजी विधानसभा सीट पर 1993 में बीजेपी की पूर्णिमा सेठी ने कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा से यह सीट जीती थीं |1998 में रिजल्ट उल्टा हुआ और अगले तीन टर्म यह सीट कांग्रेस के हाथ रही। 1998, 2003 और 2008 तीनों बार कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा इस सीट से विधायक रहे। इसके बाद बीजेपी की वापसी हुई, 2013 में बीजेपी नेता हरमीत सिंह कालका ने आप के धरमबीर सिंह को हराया। मगर 2015 से आम आदमी पार्टी ने सीट पर कब्जा रखा है। पहले अवतार सिंह ने बीजेपी के हरमीत सिंह कालका को हराया और 2020 में आतिशी ने इस सीट को जीता।

By admin