• Sun. Jun 22nd, 2025

24×7 Live News

Apdin News

Delhi Fuel Ban Old Vehicles,दिल्ली में उम्र पूरी कर चुकी गाड़ियों को दिया फ्यूल तो पेट्रोल पंप पर होगा एक्शन… जानिए पूरा मामला – delhi fuel pumps to deny service to old vehicles if fuel given then action taken against petrol pump

Byadmin

Jun 22, 2025


नई दिल्ली: उम्र पूरी कर चुकीं गड़ियों को अगर एक जुलाई के बाद फ्यूल पंपों ने फ्यूल दिया तो उन पर भी कार्रवाई होगी। इसके लिए 100 फ्लाइंग स्क्वॉयड टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी हैं। कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के अनुसार नए नियमों का पालन न करने वाले फ्यूल पंपों के खिलाफ मोटर वीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

क्या है फ्यूल को लेकर नया नियम

सीएक्यूएम के मेंबर (टेक्निकल) विरेंदर शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी इस नियम को लागू करने के कई प्रयास किए गए। लेकिन, इन प्रयासों को सफलता नहीं मिल सकी। इस बार प्रयास सफल होगा क्योंकि हमने तकनीक की सहायता ली है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फ्यूल पंपों पर कैमरे लगाने की प्रक्रिया दिसंबर 2024 में शुरू की थी। उस समय 100 कैमरों के साथ ट्रायल शुरू किया गया था। टेस्टिंग के रिजल्ट अच्छे रहे हैं।

पुरानी गाड़ियों पर एक्शन तेज

सात महीनों के इस ट्रायल में एएनपीआर कैमरों से 3.63 करोड़ गाड़ियों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें से 4.9 लाख गाड़ियों की उम्र खत्म हो चुकी थी। इनमें से 44 हजार को इंपाउंड भी किया गया। वहीं इसी सिस्टम ने गाड़ियों के पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए भी चालान किए गए और 29.52 लाख गाड़ियों की पीयूसी भी रिन्यू की गई। हालांकि पेट्रोल पंप असोसिएशन कार्रवाई की बात से नाखुश हैं।

फैसले से पेट्रोल पंप एसोसिएशन नाखुश

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट निश्चल सिंघानिया ने बताया कि हम इस नए नियम का पालन करने में पूरी तरह सहयोग करेंगे, लेकिन फ्यूल पंपों पर कार्रवाई उचित नहीं है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को पत्र लिखा गया है। नए नियम के बाद दिल्ली की सड़कों से करीब 62 लाख गाड़ियां हट जाएंगी। इनमें 41 लाख टूवीलर हैं। वहीं एक नवंबर से यह नियम एनसीआर के पांच जिलों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और सोनीपत में भी लागू हो जाएगा।

एनसीआर में क्या होगा असर?

पूरे एनसीआर में इस तरह की 44 लाख गाड़ियां हैं। इनमें भी ज्यादातर इन्हीं पांच जिलों में हैं। विरेंदर शर्मा के अनुसार ट्रांसपोर्ट से होने वाला प्रदूषण राजधानी में सर्दियों के दौरान स्मॉग की बड़ी वजह है। ऐसे में नवंबर से इसका व्यापक असर दिखेगा और इस सर्दी में स्मॉग समस्या कम रह सकती है।

कितना होता है पुरानी गाड़ियों से प्रदूषण

सीएक्यूएम के अनुसार अभी दिल्ली में बीएस-6 लागू है। इसके बावजूद बीएस-2, बीएस-3 और बीएस-4 की गाड़ियां चल रही हैं। बीएस-4 की गाड़ी बीएस-6 की तुलना में 4.5 गुणा प्रदूषण करती है। वहीं बीएस-3 की गाड़ी 11 गुणा तक प्रदूषण करती है। यह प्रदूषण पीएम 10 और पीएम 2.5 का है। नॉक्स (नाइट्रोजन ऑक्साइड्स) की बात करें तो यह बीएस-6 की तुलना में छह गुणा तक अधिक होता है।

बढ़ सकती है दिल्ली के पड़ोसी जिलों में भीड़

नए नियम लागू होने के बाद दिल्ली से लगते गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के फ्यूल पंपों पर भीड़ बढ़ने की संभावना है। दिल्ली में फ्यूल न मिलने पर इस तरह की गाड़ियां खास तौर पर बार्डर इलाकों के फ्यूल पंपों से फ्यूल ले सकती हैं। इस पर सीएक्यूएम का तर्क है कि हर किसी के लिए संभव नहीं है कि वह हर बार फ्यूल भरवाने के लिए बार्डर के पार जाए। दूसरा पड़ोसी जिलों में भी उन्हें यह फ्यूल सिर्फ अक्टूबर तक मिलेगा। शुरुआत में परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन हम उनसे निपटने की तैयारियां कर रहे हैं।

By admin