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Delhi HC on CAG Report: दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा को झटका, हाईकोर्ट ने स्पीकर को निर्देश देने से किया इनकार – delhi high court dismissed the petition filed by bjp mlas on tabling cag reports in state legislative assembly

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Jan 24, 2025


नई दिल्ली: दिल्ली HC ने कहा कि राज्य विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश करने में AAP सरकार की ओर से अत्यधिक देरी हुई। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह विधानसभा को सीएजी रिपोर्ट को पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाने का के लिए निर्देश नहीं दे सकता है। दिल्ली HC ने कहा कि संविधान के तहत CAG रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य, पर कोर्ट विधानसभा बैठक बुलाने को लेकर विधायकों की मांग को अस्वीकार कर दिया।

बीजेपी विधायकों की थी याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें शहर प्रशासन को लेकर कैग की 14 रिपोर्ट पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जस्टिस सचिन दत्ता ने शुक्रवार को इस पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश करने में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से अत्यधिक देरी हुई। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के तहत CAG रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य, पर कोर्ट विधानसभा बैठक बुलाने को लेकर बीजेपी विधायकों की मांग स्वीकार करने को तैयार नहीं।

कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था अपना फैसला

जस्टिस दत्ता ने याचिकाकर्ता, दिल्ली सरकार, विधानसभा स्पीकर और उपराज्यपाल(एलजी) की पूरी दलीलें सुनने के बाद 16 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन ने पिछले साल याचिका दायर की थी और कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट पेश करने के लिए स्पीकर को विधानसभा की बैठक बुलाने का निर्देश देने की गुहार लगाई।

कोर्ट ने राज्य सरकार पर की थी सख्त टिप्पणी

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कैग रिपोर्ट को तुरंत चर्चा के लिए विधानसभा के समक्ष रखा जाना चाहिए था और राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे पर ‘अपने पैर पीछे खींचना’ उसकी ‘सच्चाई पर संदेह’ पैदा करता है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में मौजूदा दिल्ली सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना की थी, जिसमें कथित तौर पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाली उसकी आबकारी नीति भी शामिल है, जो अब रद्द की जा चुकी है।

आप सरकार ने बीजेपी पर बोला था हमला

दिल्ली सरकार ने याचिकाकर्ताओं पर अदालत को राजनीतिक लाभ के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया । विधानसभा सचिवालय ने कहा था कि कैग रिपोर्ट को विधानसभा के समक्ष पेश करने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि उसका कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा के इंटरनल कामकाज के मामले में स्पीकर को कोई न्यायिक आदेश नहीं दिया जा सकता है। दूसरी ओर, एलजी ने कहा कि हाई कोर्ट को स्पीकर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अधिकार है कि तुरंत रिपोर्ट को सदन के समक्ष पेश किया जाए।

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