यात्रियों की सुविधा के लिए दीपावली के दिन यानी 31 अक्टूबर को व्यस्त मार्गों पर 164 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके अगले दिन यानी एक नवंबर को भी 167 ट्रेनें चलाने की तैयारी है। यात्रियों को होने वाली असुविधा का ख्याल करते हुए रेलवे ने निर्णय लिया है कि यदि किसी ट्रेन के बाथरूम में यात्री पाए जाएंगे तो उस ट्रेन को रवाना नहीं किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दीपावली एवं छठ के मौके पर यात्रियों की सहज-सुगम सफर के लिए रेलवे ने सैंकड़ों की संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। फिर भी बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। बिना आरक्षण के भी लोग ट्रेनों में सवार हो जा रहे हैं।
सुविधा का ध्यान रखते हुए रेलवे ने लिया निर्णय
यात्रियों को होने वाली असुविधा का ख्याल करते हुए रेलवे ने निर्णय लिया है कि यदि किसी ट्रेन के बाथरूम में यात्री पाए जाएंगे तो उस ट्रेन को रवाना नहीं किया जाएगा। पहले आरपीएफ के जवान टायलेट को खाली कराएंगे। इसके बाद ही ट्रेन को रवाना किया जाएगा। इसी तरह दिल्ली के बड़े स्टेशनों पर रेलवे ने होल्डिंग एरिया बनाए हैं।
यात्रियों की संख्या ज्यादा होने पर दूसरी ट्रेन चलाई जाएगी
यात्रियों की संख्या ज्यादा होने पर दूसरी ट्रेन चलाई जाएगी
स्टेशनों को अनावश्यक भीड़ से बचाने के लिए अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों को इसी होल्डिंग एरिया में रोका जाएगा। जब ट्रेन प्लेटफार्म पर लगेगी, तब उतने ही यात्रियों को प्लेटफार्म तक जाने दिया जाएगा, जितना एक ट्रेन में सवार हो सकते हैं। यात्रियों की संख्या ज्यादा होने पर दूसरी ट्रेन का इंतजार किया जाएगा।
व्यस्त मार्गों पर आज चलाई जाएंगीं 164 स्पेशल ट्रेनें
यात्रियों की सुविधा के लिए दीपावली के दिन यानी 31 अक्टूबर को व्यस्त मार्गों पर 164 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके अगले दिन यानी एक नवंबर को भी 167 ट्रेनें चलाने की तैयारी है। इसी तरह यात्रियों की मुश्किलों को आसान करने के लिए एक अक्टूबर से 30 नवंबर तक रेलवे सात हजार 296 स्पेशल ट्रेनें चलाने जा रहा है। पिछले वर्ष ऐसे ट्रेनों की संख्या 45 सौ थी, जबकि 2014 के पहले त्योहारों की भीड़ को देखते हुए अधिकतम एक हजार विशेष ट्रेनें चलाई जाती थीं।
बिहार, झारखंड की ओर प्रतिदिन जाने वाले यात्रियों की संख्या अभी एक करोड़ से अधिक
त्योहारों के समय ट्रेनों में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ बिहार, झारखंड एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर प्रतिदिन जाने वाले रेल यात्रियों की संख्या अभी एक करोड़ से अधिक है। इनमें 23 लाख यात्रियों का सफर आरक्षित बोगियों में हो रहा है, जबकि शेष यात्री सामान्य बोगियों में जा रहे हैं।