इमेज स्रोत, Andrew Kravchenko/Bloomberg via Getty Images
वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस से शुक्रवार को हुई मुलाक़ात के बाद ज़ेलेंस्की ने शनिवार को एक के बाद एक 14 ट्वीट कर कहा कि वो शांति चाहते हैं.
उन्होंने यूक्रेन को समर्थन देने के लिए अमेरिका का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनके लिए राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन पाना बेहद ज़रूरी है.
साथ ही उन्होंने लिखा कि वो मिनरल डील के लिए तैयार हैं और ये समझौता हुआ तो सुरक्षा गारंटियों की ओर ये पहला कदम होगा.
अपने ट्वीट में ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन और अमेरिका के मज़बूत रिश्तों की अहमियत की बात की और लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन को अमेरिका का साथ मिलेगा.
ज़ेलेंस्की ने क्या लिखा?
ज़ेलेंस्की ने लिखा, “अमेरिका के सभी प्रकार के समर्थन के लिए हम बहुत आभारी हैं. मैं उनके ग़ैर-पक्षपाती समर्थन के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और कांग्रेस के साथ-साथ अमेरिकी लोगों का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने हमारा साथ दिया. यूक्रेनी लोगों ने हमेशा ही इस सहयोग की सराहना की है, ख़ासतौर पर इस आक्रमण के बाद बीते तीन सालों के दौरान.”
“हमारा अस्तित्व बनाए रखने में अमेरिका का सहयोग अहम था और मैं इसे स्वीकार करना चाहता हूं. तीखी वार्ता के बावजूद, हम रणनीतिक साझीदार रहेंगे. लेकिन हमें अपने साझा लक्ष्यों को सही मायने में समझने के लिए एक-दूसरे के साथ ईमानदार और स्पष्ट रहने की ज़रूरत है.”
ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के लिए अमेरिका की मदद की ज़रूरत का ज़िक्र करते हुए लिखा, “हमारे लिए राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन पाना बेहद ज़रूरी है. वो युद्ध को ख़त्म करना चाहते हैं, लेकिन हमसे ज़्यादा शांति कोई और नहीं चाहता. हम ही यूक्रेन में इस जंग को जी रहे हैं. ये हमारी आज़ादी और हमारे अस्तित्व की लड़ाई है.”
ज़ेलेंस्की ने लिखा, “जैसा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन ने एक बार कहा था, ‘शांति का मतलब सिर्फ़ युद्ध का न होना नहीं है.’ हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की बात कर रहे हैं यानी सभी के लिए आज़ादी, न्याय और मानवाधिकार. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ युद्धविराम किसी काम का नहीं होगा. उन्होंने पिछले 10 सालों में 25 बार युद्धविराम तोड़ा है. असली शांति ही एकमात्र समाधान है.”
शुक्रवार को ज़ेलेंस्की और ट्रंप की मुलाक़ात के दौरान हुई तीखी बहस के बाद ये माना जा रहा था कि ट्रंप यूक्रेन के साथ जो खनिज समझौता करना चाहते थे, वो अब ठंडे बस्ते में चला गया है.
लेकिन ज़ेलेंस्की ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि वो इस समझौते के लिए तैयार हैं.
उन्होंने लिखा, “हम खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं और ये सुरक्षा गारंटियों की ओर पहला कदम होगा. लेकिन ये नाकाफ़ी है और हमें इससे ज़्यादा की ज़रूरत है. बिना सुरक्षा गारंटियों के युद्धविराम, यूक्रेन के लिए ख़तरनाक है. हम तीन साल से लड़ रहे हैं और यूक्रेनी लोगों को ये जानने की ज़रूरत है कि अमेरिका हमारी तरफ़ है.”
ज़ेलेंस्की ने लिखा कि वो स्थायी शांति और सुरक्षा गारंटी चाहते हैं.
उन्होंने लिखा, “मैं रूस पर यूक्रेन का रुख़ नहीं बदल सकता. रूसी लोग हमें मार रहे हैं. रूस दुश्मन है और इस हक़ीकत का हम सामना कर रहे हैं. यूक्रेन शांति चाहता है लेकिन ये स्थायी होनी चाहिए. इसके लिए हमें बातचीत के दौरान मज़बूत होना होगा. शांति तभी आएगी जब हमें सुरक्षा गारंटियां मिलेंगी, जब हमारी सेना मज़बूत होगी और हमारे सहयोग हमारे साथ होंगे.”
इमेज स्रोत, Eduard Kryzhanivskyi/MFAU/Global Images Ukraine via Getty Images)
वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने अमेरिकी दौरे के उद्देश्य के बारे में लिखा कि सुरक्षा गारंटी की दिशा में पहले कदम खनिज समझौता होगा.
उन्होंने लिखा, “हमें शांति चाहिए. इसलिए मैं अमेरिका आया और राष्ट्रपति ट्रंप से मिला. मिनरल डील सुरक्षा गारंटी की ओर पहला कदम है और शांति के क़रीब जाने जैसा है. हमारी स्थिति मुश्किल है लेकिन हम लड़ना नहीं रोक सकते. हम इस गारंटी के बिना नहीं रह सकते कि पुतिन कल को फिर से न आ जाएं.”
उन्होंने इसमें अमेरिका की भूमिका के बारे में लिखा, “ये अमेरिका के सहयोग के बिना मुश्किल होगा. लेकिन हम अपनी इच्छाशक्ति, अपनी स्वतंत्रता और अपने लोगों को नहीं खो सकते. हमने देखा है कि कैसे रूस हमारे घरों में घुसा और कई लोगों की जान ली. कोई भी कब्ज़े की एक नई लहर नहीं चाहता. अगर हमें नेटो स्वीकार नहीं कर सकता तो हमें अमेरिका में हमारे सहयोगियों से हमारी सुरक्षा गारंटी पर एक साफ़ तस्वीर चाहिए.”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन, नेटो और अन्य यूरोपीय संस्थाओं के साथ क़रीबी का विरोध किया है.
उनका कहना है कि यूक्रेन पूर्ण रूप से कभी एक देश था ही नहीं. वो चाहते हैं कि यूक्रेन नेटो में शामिल नहीं हो पाए. इसके लिए वो यूक्रेन और अन्य पश्चिमी देशों से गारंटी चाहते हैं.
ज़ेलेंस्की ने लिखा, “यूरोप किसी भी तरह की इमरजेंसी और हमारी बड़ी सेना को फंड करने के लिए तैयार है. हमारी सुरक्षा गारंटी किस तरह की होगी, कब से मिलेगी और किस सीमा तक मिलेगी, ये परिभाषित करने में हमें अमेरिका की भूमिका की भी आवश्यकता है. एक बार ये गारंटी लागू हो जाए तो हम रूस, यूरोप और अमेरिका के साथ कूटनीति के बारे में बात कर सकते हैं. अकेले युद्ध बहुत लंबा है और हमारे पास उन्हें पूरी तरह से ख़त्म करने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं.”
इमेज स्रोत, SAUL LOEB/AFP via Getty Images
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने लिखा कि रूस के साथ यूक्रेन के संबंध अच्छे नहीं हो सकते, लेकिन वो चाहते हं कि रूस उनके साथ खड़े हो.
उन्होंने लिखा, “जब कोई नुक़सान की बात करता है तो एक-एक ज़िंदगी अहमियत रखती है. रूस हमारे घरों में घुसा, हमारे लोगों की जान ली और हमें मिटाने की कोशिश की. ये क्षेत्र या नंबरों की बात नहीं है, ये असल ज़िंदगियों के बारे में है. हम चाहते हैं कि हर कोई इसे समझे.”
“मैं चाहता हूं कि यूएस और दृढ़ता से हमारे साथ खड़ा हो. ये सिर्फ़ दो देशों के बीच जंग नहीं है. रूस ये जंग हमारे क्षेत्र और हमारे घरों तक लेकर आया. वो ग़लत हैं क्योंकि उन्होंने हमारी क्षेत्रीय अखंडता का अनादर किया.”
उन्होंने अमेरिका से यूक्रेन की उम्मीद के बारे में लिखा, “सभी यूक्रेनी चाहते हैं कि वो अमेरिका का हमारे लिए ठोस रवैया देखें. ये समझा जा सकता है कि अमेरिका पुतिन से वार्ता चाहेगा. लेकिन अमेरिका ने हमने ताकत से शांति लाने की बात की है और एकसाथ आकर हम पुतिन के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठा सकते हैं.”
ज़ेलेंस्की ने लिखा कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच मज़बूत संबंध है.
उन्होंने लिखा, “अमेरिकी राष्ट्रपति से हमारा रिश्ता दो नेताओं से बढ़कर है. ये ऐतिहासिक है और हमारे लोगों के बीच मज़बूत बॉन्ड है. इसलिए मैं हमेशा हमारे लोगों की ओर से अमेरिकी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने वाले शब्दों से अपनी बात शुरू करता हूं.”
“अमेरिकी लोगों ने हमारे लोगों को बचाने में मदद की है. इंसान और मानवाधिकार सबसे पहले आते हैं. हम वाकई शुक्रगुज़ार हैं. हम अमेरिका से केवल मज़बूत रिश्ते चाहते हैं और मुझे उम्मीद है कि हमें उनका साथ मिलेगा.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.