सीमाओं की अखंडता का सिद्धांत हर देश पर
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सीमाओं की अखंडता का सिद्धांत हर देश पर लागू होता है, चाहे वह बहुत छोटा हो या बहुत शक्तिशाली।’ वहीं, फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा कि ‘इसमें निश्चित रूप से कोई सवाल नहीं है कि यूरोपीय संघ दूसरे देशों को अपनी संप्रभु सीमाओं पर हमला करने देगा।’
ट्रंप ने ग्रीनलैंड को बताया अमेरिका के लिए अहम
इसके पहले मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को हासिल करने की अपनी इच्छा फिर से दोहराई थी। ट्रंप ने कहा था कि आर्कटिक द्वीप अमेरिका की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप के सबसे छोटे सबसे छोटे समुद्री रास्ते पर स्थित ग्रीनलैंड अमेरिका के लंबे समय से सहयोगी डेनमार्क का स्वायत्तशासी क्षेत्र है।
डेनमार्क ने साफ कर दिया है कि ग्रीनलैंड किसी को देने के लिए नहीं है और यह उसके निवासियों का है। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे डेनमार्क से स्वतंत्रता के लिए जोर दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी ट्रंप के बयान के बाद कहा कि यह क्षेत्र बिक्री के लिए नहीं है। इस बीच जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से आने वाले बयानों के बारे में कुछ गलतफहमी है। ‘सीमाओं की अखंडता का सिद्धांत हर देश पर लागू होता है, चाहे वह पूर्व में हो या पश्चिम में।’
नाटो गठबंधन का सदस्य है डेनमार्क
जर्मनी और फ्रांस की तरह ही डेनमार्क भी अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन का सदस्य है। स्कोल्ज ने जोर देकर कहा कि ‘नाटो हमारी रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है और ट्रांस अटलांटिंक संबंधों का केंद्र है।’ वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने बुधवार को फ्रांस इंटर रेडियो से कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या अमेरिका ग्रीनलैंड पर हमला करेगा, तो मेरा जवाब है नहीं।’
फ्रांस ने ताकत बढ़ाने की कही बात
उन्होंने आगे कहा, ‘क्या हम ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं, जिसमें सबसे योग्य व्यक्ति ही जीवित बचेगा? इसका उत्तर है हां। तो क्या हमें खुद को भयभीत होने देना चाहिए और चिंता से अभिभूत होना चाहिए? साफ तौर पर नहीं। हमें जागना चाहिए, अपनी ताकत बढ़ानी चाहिए।’ इसके पहले मंगलवार को जब मार-ए-लागो एस्टेट में ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह ग्रीनलैंड या पनामा नहर पर कब्जा करने के लिए सैन्य या आर्थिक बल का उपयोग करने से इनकार करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘नहीं, मैं आपको इन दोनों में से किसी पर भी आश्वासन नहीं दे सकता।’