रॉटटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की खासतौर से ईराक के दूतावास से अपने लोगों को निकालने की तैयारी है। वहीं कई दूसरे अरब देशों से सैन्य कर्मियों के परिवार वापस अमेरिका बुलाए जा सकते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने बहरीन और कुवैत से स्वैच्छिक रूप से कर्मियों को जाने की इजाजत दी है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर बढ़े खतरे के चलते यह फैसला लिया गया है। हालांकि अमेरिकी कर्मियों को क्या खतरा है, इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन ट्रंप के बयान ने ईरान के साथ तनाव बढ़ने के संकेत जरूर दे दिए हैं।
ईरान के पास परमाणु नहीं हो सकता: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने ये माना है कि अरब क्षेत्र में तनाव है। जब उनसे पूछा गया कि क्या क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए क्या किया जाएगा तो ट्रंप ने कहा कि यह बहुत सरल है। हम स्पष्ट हैं कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं। ट्रंप ने इससे पहले भी ईरान के साथ परमाणु वार्ता फेल होने पर हमला करने की धमकी दी है।
अरब दुनिया में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति तेल उत्पादक क्षेत्र में है। इराक, कुवैत, कतर, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात में अमेरिका के सैन्य ठिकाने हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कुछ स्थानों से सैन्य कर्मियों के परिवार को स्वैच्छिक रूप से जाने की अनुमति दे दी है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह ज्यादातर बहरीन के लिए है।
इराक में दिखेगा ज्यादा असर!
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि विदेश विभाग इराक में अमेरिकी दूतावास के लिए एक व्यवस्थित प्रस्थान करने वाला है। इराक, अमेरिका और ईरान दोनों का क्षेत्रीय भागीदार है। यहां 2,500 अमेरिकी सैनिक हैं। दूसरी ओर तेहरान समर्थित सशस्त्र गुट भी कथित तौर पर इराक के सुरक्षा बलों से जुड़े हैं।
बुधवार को ब्रिटेन की समुद्री एजेंसी ने चेतावनी दी है कि मध्य पूर्व में सैन्य गतिविधि बढ़ेगी। इससे महत्वपूर्ण जलमार्गों में जहाजों पर असर पड़ सकता है। जहाजों को खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। ये सभी ईरान की सीमा से लगे हैं।