RBI के गवर्नर रह चुके हैं मनमोहन
पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार में वह 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के पद पर भी रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया। इसके अलावा वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए। जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
देश के आर्थिक सुधारों के लिए याद किए जाएंगे
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री थे। उन्होंने 1991 में देश के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उन्हें उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म विभूषण भी शामिल है। 1991 में, पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाया। इन नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार के लिए खोल दिया। इससे निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिला और विदेशी निवेश को आकर्षित किया गया। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास हुआ।