• Thu. Oct 16th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

Eam S Jaishankar At Untcc Conclave Ask For Reform In United Nations Peace Keeping Missions – Amar Ujala Hindi News Live

Byadmin

Oct 16, 2025


भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों के सम्मेलन (UNTCC) में शिरकत की। इस दौरान विदेश मंत्री ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि आज का संयुक्त राष्ट्र भी 1945 के समय को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यूएन को विकासशील देशों की आवाज बुलंद करनी चाहिए और इस पर ही यूएन की विश्वसनीयता टिकी है। 

संयुक्त राष्ट्र में बदलाव की उठाई मांग

अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि ‘मैं अभी-अभी न्यूयॉर्क से 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेकर लौटा हूं। उस अनुभव से कुछ महत्वपूर्ण बातें मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं। पहली बात, संयुक्त राष्ट्र आज भी 1945 की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करता है, 2025 की नहीं। 80 वर्ष एक लंबा समय है और इस समय के दौरान, संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की संख्या वास्तव में चौगुनी हो गई है। दूसरी बात, जो संस्थाएं बदलाव करने में विफल रहती हैं, उनके अप्रासंगिक होने का खतरा होता हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रभावी बनाने के लिए, इसे सुधारना होगा, इसे अधिक समावेशी, लोकतांत्रिक, सहभागी और आज की दुनिया का प्रतिनिधि बनना होगा। संयुक्त राष्ट्र को विकासशील देशों की आवाज को बुलंद करना होगा और उभरते वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को भी प्रतिबिंबित करना होगा। इस पर संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता टिकी है।’

शांति अभियानों को लेकर दिया सुझाव

डॉ. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश भी बदलाव चाहते हैं और सुरक्षा परिषद में भी विस्तार होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘हमारे शांति सैनिक एक शक्तिशाली बल रहे हैं। मानवीय मदद पहुंचाने के लिए ये बहादुर बेटे बेटियां अपनी जान जोखिम डालते हैं। ये बहुपक्षवाद के सच्चे पथप्रदर्शक हैं। आज मैं उन 4000 से ज्यादा शांति सैनिकों को याद करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्य की राह पर सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने शांति अभियानों को लेकर कुछ सुझाव भी दिए, जिनके तहत उन्होंने कहा कि जिन देशों में शांति सेना भेजी जाती है और जिन देशों के सैनिक इस शांति सेना में होते हैं, उनसे भी शांति अभियानों को लेकर परामर्श किया जाना चाहिए।’ विदेश मंत्री ने शांति मिशनों को संयुक्त राष्ट्र का सबसे अहम निकाय बताया। 

ये भी पढ़ें- GTRI: ट्रंप के टैरिफ के बाद गहराया व्यापार संकट! चार महीनों में अमेरिका को भारतीय निर्यात में भारी गिरावट

‘दुनिया में सबसे ज्यादा शांति सैनिक भेजने वाला देश है भारत’

विदेश मंत्री ने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की स्थापना के बाद से, भारत ने कुल मिलाकर 3,00,000 से ज़्यादा सैनिकों का योगदान दिया है, जिससे हम दुनिया में सबसे ज्यादा सैनिक भेजने वाला देश बन गए हैं। हमारे शांति सैनिकों ने दुनिया के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में विशिष्टता और पेशेवरता के साथ सेवा की है और कर रहे हैं। इनमें दक्षिण सूडान, लेबनान, सीरिया और डीआरसी जैसे देश शामिल हैं। यह निरंतर प्रतिबद्धता हमारे इस विश्वास से उपजी है कि ‘कहीं भी शांति, हर जगह शांति को मजबूत करती है’।’

उन्होंने कहा कि ‘भारत शांति स्थापना को अपने सभ्यतागत लोकाचार से देखता है। हम विश्व को एक परिवार के रूप में देखते हैं, यह केवल सांस्कृतिक ज्ञान नहीं है, बल्कि एक दृष्टिकोण है जो हमारे वैश्किक दृष्टिकोण का आधार है। यही कारण है कि हम बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में अपना विश्वास रखते हैं।’

By admin