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Eam S Jaishankar In Iit Bhu,जब IIT BHU के छात्र ने दागा दुनिया को ‘सिखाने’ वाला सवाल? सुनिए एस जयशंकर ने जवाब क्या दिया – when iit bhu student asked question about teaching world listen to what s jaishankar replied here detail

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Feb 24, 2025


वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर का वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। आईआईटी बीएचयू के छात्रों से संवाद के क्रम में विदेश मंत्री विश्व को किसी प्रकार का सबक न सिखाने की बात करते दिखे हैं। आईआईटी बीएचयू के छात्र राजा भावेश ने विश्व से संवाद विश्व बंधु थीम पर आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्री से सवाल किया कि भारत से संबंध मजबूत कर दुनिया क्या सीख सकती है? इस पर एस. जयशंकर ने कहा कि हमारा उद्देश्य दूसरों को सबक सिखाना नहीं है। हम वैश्विक व्यवस्था में योगदान देना चाहते हैं। भारत की ताकत उसकी परंपरा, टेक्नोलॉजी, सहयोग, राष्ट्रीय हित और वैश्विक सद्भावना के बीच संतुलन बनाए रखने की क्षमता में निहित है।

छात्रों के सवाल का जवाब

आईआईटी बीएचयू के छात्र मानव मेहता के विश्व बंधु अवधारणा के प्रचार पर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि यह विचार भारतीय संस्कृति में गहराई से रचा-बसा है। इसे मीडिया, कूटनीति और व्यावहारिक कार्यों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। छात्रा मुस्कान प्रियकांत रावत के युवाओं में भाईचारे की भावना बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगम जैसे कार्यक्रम सांस्कृतिक जागरूकता को प्रोत्साहित करते हैं।

एक अन्य छात्र के असाध्य रोगों के इलाज लिए आयुर्वेद के उपचार विकल्पों के वैश्विक प्रचार से जुड़े सवाल पर भी विदेश मंत्री ने जवाब दिया। एस. जयशंकर ने कहा कि योग की तरह ही आयुर्वेद भी विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

एआई पर कही बड़ी बात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को आईआईटी (बीएचयू) के छात्रों के साथ संवाद के दौरान कहा कि भारत की तकनीकी प्रगति उसकी परंपराओं से प्रभावित है। उन्होंने छात्रों से अपनी सांस्कृतिक विरासत और तकनीकी कौशल को अपनाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने का आह्वान किया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं

विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों, जिसमें विकासशील, अल्प-विकसित और अविकसित देश शामिल हैं, उनके लिए एआई क्रांतिकारी साबित हो सकता है। उन्होंने पेरिस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एआई से जुड़े सांस्कृतिक पूर्वाग्रह के मुद्दों का प्रभावी समाधान प्रदान कर सकता है।

तकनीक पर दिया जोर

विदेश मंत्री ने कहा कि तकनीक विकासशील देशों को पारंपरिक विकास मॉडल छोड़कर तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है। भारत की डिजिटल सार्वजनिक संरचना, कल्याणकारी योजनाएं और स्वास्थ्य सेवाएं इस इनोवेशन के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक चुनौतियों का सामना करने के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है।

आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि संस्थान वैश्विक प्रतिभा निर्माण में अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और साइबर सिक्योरिटी लीडर डॉ. जय चौधरी जैसे प्रतिष्ठित लीडर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वे इसी परंपरा का हिस्सा रहे हैं।

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