महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महायुति सरकार और मराठी भाषा को लेकर कई अहम बातें की। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार के लिए मराठी भाषा केवल वोटों का मुद्दा नहीं, बल्कि गर्व और सम्मान का विषय है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मराठी के संरक्षण के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ये बात मंगलवार को ‘अभिजात मराठी भाषा गौरव सोहला’ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं यहां राजनीति की बात नहीं करना चाहता, लेकिन कुछ लोग मराठी भाषा का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए करते हैं। हमारे लिए यह सम्मान का विषय है, राजनीति का नहीं। उन्होंने खुशी जताई कि मराठी को अक्तूबर 2024 में ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा मिला। शिंदे ने बताया कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को उनके मुख्यमंत्री रहते भेजा गया था।
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भाषा संरक्षण के लिए अहम कदम उठाने गए हैं- शिंदे
इस दौरान शिंदे ने बताया कि मराठी भाषा के संरक्षण और विकास के लिए राज्य सरकार कई ठोस कदम उठा रही है। इसके तहत स्कूलों में कक्षा 12 तक मराठी पढ़ाना अनिवार्य किया गया है। तकनीकी शिक्षा में भी मराठी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। मराठी साहित्य सम्मेलन के लिए बजट लाखों से बढ़ाकर करोड़ों में किया गया है।
देशभर की यूनिवर्सिटियों में मराठी पढ़ाने की बात कही
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुंबई में मराठी भाषा भवन और लंदन में मराठी भवन का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही देशभर की यूनिवर्सिटियों में मराठी पढ़ाने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अन्य मदों से फंड कम कर मराठी भाषा के लिए धन दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने ये भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिविल सेवा, सरकारी उपक्रमों, बैंकों और सेना में मराठी बोलने वालों की संख्या बढ़े।
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