परमाणु कार्यक्रम को लेकर इस्राइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच जिनेवा में शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची और यूरोप के तीन बड़े देशों ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों के बीच हुई अहम बैठक में बातचीत आगे बढ़ाने की उम्मीद तो जगी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर शुरू हुआ संकट इस्राइल और ईरान के बीच युद्ध का रूप ले चुका है।
तीन घंटे तक चली बैठक
जानकारी के अनुसार, जिनेवा के एक होटल में करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक के बाद जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वेडफुल ने कहा कि अच्छा नतीजा यह है कि हमें लगा कि ईरान बातचीत जारी रखने को तैयार है और सभी अहम मुद्दों पर बात करने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि बैठक काफी गंभीर रही। वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि हम चाहते हैं कि ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत जारी रहे। हमने साफ कर दिया है कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकता।
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धीमा हो सकता है ईरान का परमाणु कार्यक्रम
इसके साथ ही फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा कि सैन्य कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम को धीमा कर सकती है, लेकिन खत्म नहीं कर सकती। हमने अफगानिस्तान, इराक और लीबिया में देखा है कि बाहर से सत्ता परिवर्तन की कोशिशें कितनी खतरनाक होती हैं। बैरोट ने यह भी कहा कि यूरोपीय देशों ने ईरानी मंत्री को हमलों के समाप्त होने का इंतजार किए बिना, अमेरिका सहित सभी पक्षों के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
अराघची ने कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा की सहमति दी, जो पहले नहीं थे
फ्रांस के विदेश मंत्री बैरोट ने यह भी बताया कि ईरान के साथ चर्चा में, ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने कुछ ऐसे मुद्दे भी बातचीत में शामिल करने पर सहमति दी जो पहले चर्चा में नहीं थे। उन्होंने बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई और यूरोपीय देशों से कहा कि वे अमेरिका को भी इसमें शामिल करें।
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परमाणु मुद्दों के साथ अन्य जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा करने की बनी सहमति: काजा कैलास
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए कि हम परमाणु मुद्दों के साथ-साथ अन्य जरूरी मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा करेंगे। वार्ता समाप्त होने के बाद ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने भी पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि वे यूरोपीय देशों के साथ बातचीत जारी रखना चाहते हैं और जल्द दोबारा मिलने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने इस्राइल द्वारा ईरान की परमाणु साइट्स पर किए गए हमलों की निंदा की और कहा कि यूरोपीय देशों ने इन हमलों की आलोचना न करके चिंता की बात बढ़ा दी है।
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