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Exclusive: महाकुंभ में 30 करोड़ कमाने वाला नाविक परिवार का किस्सा जानिए, CM योगी ने विधानसभा में खुलकर की तारीफ – prayagraj sailor family earns 30 crore rupees in mahakumbh cm yogi praised in assembly know story

Byadmin

Mar 5, 2025


शिवपूजन सिंह, प्रयागराज: विश्व में सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका महाकुंभ 2025 जहां अपनी भव्यता दिव्यता और नव्यता के लिए विश्व विख्यात हो गया। वहीं महाकुंभ से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति का भी कायाकल्प हो गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में जिस नाविक परिवार की चर्चा किया। नाविक परिवार की संयुक्त रूप से अर्जित संपत्ति का आंकड़ा पेश किया तो सभी की निगाहें इस परिवार की ओर उठ गई इस परिवार के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ी। महाकुंभ में महाकवरेज वाली एनबीटी ऑनलाइन की प्रयागराज टीम उनके घर पहुंच गई।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस नाविक के संयुक्त परिवार की चर्चा की वह महाकुंभ नगर क्षेत्र में ही निवास करता है। संयुक्त परिवार में एक व्यवस्थापक के तौर पर पिंटू महारा बताते हैं कि महाकुंभ नगर क्षेत्र जैसे ही बसना शुरू हुआ उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर अपनी तैयारी शुरू कर दी। भगवान राम से आस्था रखने वाला उनका परिवार पूर्ण सेवा भाव के साथ पिछले 4 महीने से अनवरत रूप से महाकुंभ नगर क्षेत्र में डटा हुआ था।

नाविक का अनुभव और परिवार वालों मित्रों के साथ सहयोग के आधार पर महाकुंभ में अपने परंपरागत व्यवसाय को बढ़ाया। 10 नावों के बेड़े में 70 नई नाव को जोड़ा। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी साथ दिया। महारा परिवार का संयुक्त कारोबार एक बड़ा ग्रुप बनकर त्रिवेणी क्षेत्र में अपने परंपरागत व्यवसाय को नया आधार दिया। करीब 140 नाव के साथ 12 मोटरबोट की भी जोड़ा। बहनोई संतोष साहनी ने भी 10 नाव जोड़ी ,कुल मिलकर प्रतिदिन 120 से 130 नावों का आवागमन हुआ। सभी नावों पर 2 नाविकों को भी रोजगार मिला। इस हिसाब से उन्होंने लगभग 300 लोगों को स्वयं की व्यवसाय से रोजगार दे दिया। इन नाविकों की भी अच्छी कमाई हुई।

पिंटू मेहरा सुबह 4:00 बजे से रात 12:00 बजे तक अनिवार्य रूप से श्रद्धालुओं स्नार्थियों की सेवा में लग रहे उनका महाकुंभ में अनुभव भी बहुत लग रहा है। पिंटू मेरा बताते हैं कि देश की हर कोने से लोग आए जहां बड़े महानगरों दिल्ली गुजरात मुंबई चेन्नई से लोग आए वहीं बिहार झारखंड,छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

बोट व्यवसाय से जुड़े होने से अधिकांश वीवीआईपी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला तो वही ऐसे लोग भी उनके संपर्क में आए जो दिव्यांग थे कमजोर थे या बीमार थे पैदल चलना मुश्किल था। लेकिन स्नान करना चाहते थे उनको नाव से स्नान करवा कर बड़ी आत्मिक सकून मिला। कुछ लोग आर्थिक रूप कमजोर थी तो उन्हें निःशुल्क भी स्नान करवा। किसी ने श्रद्धा से 50 रुपया भी दिया तो नाविक लोगों ने रख लिया। हालांकि बुकिंग के समय में वीवीआईपी लोगों से ठीक-ठाक पैसे भी नावों के हिसाब से मिले। जिसके कारण उनके पूरे नाविक समुदाय का जीवन में पहली बार इतना आर्थिक फायदा हुआ।

लेकिन इसके साथ ही पिंटू महारा यह भी बताया कि वह अरेल क्षेत्र के स्थापित हाई कोर्ट जेट्टी से अपने नाव और बोट का संचालन करते थे जिस पर प्रशासनिक, पुलिस,जल पुलिस,जेल पुलिस,रेलवे,हाय कोर्ट और अन्य विभाग से जुड़े लोगों को भी सहयोग करना पड़ता था। यह सब सेवा भाव में जुड़ा था। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही की महाकुंभ नगर क्षेत्र में सनातन,आस्था का जो महासमुंदर उमड़ा उसको देखकर उन्हें तो ऐसा लगा कि वह त्रेता युग में फिर से आ गए हैं।

और जो भी श्रद्धालु है वह भगवान राम के रूप में घाट पर खड़े हैं उन्हें स्नान करना सकुशल उन्हें वापस घाट तक छोड़ना ही उनका सेवा धर्म है। जिस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सनातनी हो वहां की व्यवस्था ऐसे ही दिव्य भव्य नव्य होगी जिसकी तुलना दुनिया में कहीं भी नहीं होगी। तभी तो संगम में आस्था का महासागर आ गया।

मां शुक्लावती के आशीर्वाद से उनका पैतृक व्यवसाय बिजली का डेका कारोबार भी चला जिसकी नींव पिता बच्चा जी ने रखी थी। बड़े भाई प्रदीप महारा पार्षद हैं। प्रयागराज के सभी मानिक नेता जैसे नंद गोपाल गुप्ता नंदी उदयभान कलवरिया पियूष रंजन आदि लोगों का आशीर्वाद साथ है। परिवार में लगभग 100 सदस्य हैं और सभी का उनके कद के हिसाब से सहयोग मिला। और गंगा मैया का आशीर्वाद मेहनत उन्हें आज इतना कुछ दे दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन था लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस परिवार की चर्चा की उसका नाम उन्होंने नहीं लिया। और जो आंकड़ा प्रस्तुत किया वह भी कुछ ज्यादा है।

पिंटू महारा बताते हैं कि आगामी माघ मेला 2026 को देखते हुए भी उनकी तैयारी रहेगी। और अभी प्रशासनिक मानक के अनुसार वह अपनी नाव को संगम क्षेत्र में सेवा भाव से चलवाते रहेंगे। महाकुंभ 2025 का जिस तरह से आगाज हुआ है यह संगम क्षेत्र से जुड़े हुए नविकों के लिए ही नहीं बल्कि छोटे-मोटे व्यवसाय से लेकर बड़े व्यवसाय से जुड़े सभी टपके के लोगों के लिए अमृत स्वरूप वरदान साबित हुआ है। जो अनवरत रूप से आगे चलता रहेगा।

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