रामनगरी अयोध्या के लिए मंगलवार का दिन काफी अहम रहा। आज राम मंदिर के इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ गया। वैशाख शुक्ल की द्वितीया के दिन प्रातः 8.00 बजे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर विधि विधान पूर्वक ध्वज दंड स्थापित कर दिया गया।
भगवान परशुराम की जयंती के दिन राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दंड स्थापित कर दिया गया। यह प्रक्रिया सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और 8:00 बजे समाप्त हुई। ध्वज दंड को लगभग डेढ़ घंटे में मुख्य शिखर पर स्थापित कर दिया गया। इसकी ऊंचाई 42 फीट है। विदित हो कि शिखर कलश समेत मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है। अब इसमें 42 फीट का ध्वज दंड भी जुड़ गया है।
यह भी पढ़ेंः- UP News: राहुल गांधी के रायबरेली दौरे पर पोस्टर वार, लिखा- ‘तुम जातिवाद से तोड़ोगे, हम राष्ट्रवाद से जोड़ेंगे’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हिंदी महीने के अनुरूप वैशाख शुक्ल द्वितीया परशुराम जयंती दिन मंगलवार 29 अप्रैल 2025 को राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दंड स्थापित कर दिया गया। ध्वज दंड लगाने की प्रक्रिया प्रातः 6:30 बजे प्रारंभ हुई और 8:00 बजे संपन्न हुई।
इस दौरान ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर लार्सन एंड टुब्रो व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर के साथ ध्वज दंड निर्माता गुजरात निवासी भरत भाई, पत्थरों की नक्काशी करने वाले ठेकेदार नरेश मालवीय, पत्थरों के कार्य का सुपरविजन करने वाले चंद्रशेखर सोमपुरा के साथ एक बड़ी टीम मौजूद रही।
इस तरह स्थापित किया गया ध्वज दंड
160 फीट की ऊंचाई पर शिखर के पास लार्सन एंड टुब्रो व टाटा कंसलटेंसी के इंजीनियर ऊपर चढ़कर मौजूद रहे। दो क्रेन की सहायता से ध्वज दंड को ट्राला के ऊपर से उठाया गया। धीरे-धीरे वर्टिकल खड़ा हुआ। इसके बाद टावर क्रेन के माध्यम से ध्वज दंड को शिखर पर स्थापित कर दिया गया।