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Ghaziabad Water Pollution News,गाजियाबाद में 81 स्थानों का पानी पीने योग्य नहीं, लगातार जांच में फेल हो रहे सैंपल, जारी की गई नोटिस – ghaziabad 81 places water in is not potable samples are continuously failing in test notice issued

Byadmin

Nov 18, 2024


अक्षय अग्रवाल, गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायु प्रदूषण के साथ जल प्रदूषण भी लोगों को बीमार कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में बीते महीने 81 स्थानों का पानी पीने योग्य नहीं पाया गया। गंभीर बात यह है कि जिन स्थानों के पानी के सैंपल फेल पाए गए, उनमें हाउसिंग सोसायटियां भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी हाउसिंग सोसायटियों को नोटिस जारी किए हैं, लेकिन पेयजल की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है।गाजियाबाद में सितंबर में 54 स्थानों से पानी के सैंपल लिए गए थे, जांच में ये पीने योग्य नहीं पाए गए। अक्टूबर में यह संख्या बढ़कर 81 हो गई। वहीं, नवंबर के 15 दिनों में 28 सैंपल फेल पाए जा चुके हैं। शहरी क्षेत्र में पानी के प्लांटों के सबसे ज्यादा सैंपल फेल हो रहे हैं और अब हाउसिंग सोसायटियों में भी सप्लाई होने वाला पानी पीने योग्य नहीं मिल रहा है।

कई सोसायटी से आया मामला

राजनगर एक्सटेंशन की KW सृष्टि हाउसिंग सोसायटी में पिछले दिनों 50 से ज्यादा सैंपल जांच में फेल पाए गए थे। वैशाली सेक्टर-1 की हाउसिंग सोसायटी में भी पानी पीने योग्य नहीं पाया गया था। दोनों ही सोसायटी में सप्लाई होने वाले पानी के टैंकों में गड़बड़ी पाई गई थी और क्लोरिनेशन की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। अब कई और हाउसिंग सोसायटी में पेयजल पीने योग्य नहीं पाया गया है।

जारी किया गया नोटिस

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि जिन हाउसिंग सोसायटियों के पानी के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही सभी सोसायटियों में पानी सप्लाई की गहनता से जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर उसमें सुधार के निर्देश दिए जाएंगे। जिन स्थानों के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं, उन्हें भी नोटिस जारी करने के साथ प्रशासन से कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।

पानी की जांच की स्थिति

माह सैंपल फेल
जनवरी 110 17
फरवरी 166 28
मार्च 111 12
अप्रैल 180 21
मई 373 162
जून 113 25
जुलाई 166 17
अगस्त 122 09
सितंबर 134 54
अक्टूबर 159 81
नवंबर (15 तक) 121 28

बढ़ रही मरीजों की संख्या

वायु प्रदूषण के कारण जिले में रोजाना 700 से ज्यादा लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमें सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 400 से ज्यादा है। वायु प्रदूषण की चपेट में आने से लोगों को सांस लेने में परेशानी, खांसी, जुकाम, बुखार और दिल संबंधी समस्याएं हो रही हैं। दूषित पानी के कारण लोगों को पेट संबंधी समस्याएं हो रही हैं। यहां तक कि जिले में हेपेटाइटिस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

गाजियाबाद हेपेटाइटिस के मामले में वेस्ट यूपी में तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में हेपेटाइटिस के जितने मामले हैं, उनमें से 39 प्रतिशत मामले वेस्ट यूपी में हैं। वेस्ट यूपी के 18 जिलों में सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस के मामले बिजनौर में 11040 हैं, जबकि दूसरे स्थान पर अमरोहा 841 मामले के साथ है और तीसरे स्थान पर गाजियाबाद 737 मामलों के साथ है।

इस स्थानों के सैंपल हुए फेल

  • पंचशील वैलिंग्टन बुलंद हाइट्स, क्रॉसिंग रिपब्लिक
  • लैंड क्राफ्ट मेट्रो होम्स, बसंतपुर सैंतली
  • नीलपदम कुंज, वैशाली सेक्टर-1
  • रूपाली कन्फेक्शनरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र
  • अर्पित वॉटर प्लांट, लाजपत नगर

टीडीएस भी ज्यादा

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता के अनुसार, पानी में टीडीएस की मात्रा मानक से कहीं ज्यादा है। सामान्य रूप से पानी में 150 से 200 तक टीडीएस होना चाहिए, लेकिन अधिकांश सैंपलों में टीडीएस की मात्रा 500 से 1000 तक मिल रही है। यहां तक कि वॉटर प्लांट से सप्लाई होने वाले पानी में भी टीडीएस की मात्रा मानक से अधिक मिल रही है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि अधिक टीडीएस वाला पानी पीने से कई तरह के गंभीर रोग होते हैं। इनमें सबसे गंभीर दिल की बीमारी हो सकती है। स्टोन और आंत, लिवर व किडनी का संक्रमण भी शामिल हैं।

बच्चों में डायरिया की समस्या

जिला एमएमजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन उपाध्याय के मुताबिक, पेयजल की गुणवत्ता खराब होने के कारण बच्चों में पेट की समस्या हो रही है। उनके पास रोजाना डायरिया और हाई फीवर के 20 से 25 बच्चे उपचार के लिए आ रहे हैं। इनमें से 4 से 5 बच्चों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है।

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