चांदी 4000 रुपये लुढ़क गई
अक्षय तृतीया के मौके पर लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं। इस वजह से सोने की मांग बढ़ जाती है। इस साल आभूषण विक्रेताओं को पिछले साल से ज्यादा बिक्री की उम्मीद है। उन्हें उम्मीद है कि मूल्य के हिसाब से बिक्री में लगभग 35 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई को थी। उस समय सोने की कीमत 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि सोने की बिक्री 20 टन तक स्थिर रह सकती है।
चांदी की कीमत में भी गिरावट आई है। चांदी 4,000 रुपये टूटकर 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। मंगलवार को चांदी का भाव 1,02,000 रुपये प्रति किलोग्राम था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी के भाव गिरे हैं। हाजिर सोना 43.35 डॉलर घटकर 3,273.90 डॉलर प्रति औंस पर रहा। हाजिर चांदी 1.83 फीसदी घटकर 32.33 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई।
एक्सपर्ट्स ने बताई सोने में गिरावट की वजह
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला ने सोने में गिरावट का कारण बताया। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से वाहन शुल्क के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने और कई देशों के साथ व्यापार वार्ता में प्रगति का हवाला देने के बाद सोने में गिरावट जारी रही।’ इसका मतलब है कि ट्रंप के एक फैसले और कुछ देशों के साथ बातचीत के कारण सोने के दाम गिरे हैं।
अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के चिंतन मेहता ने बताया कि व्यापारियों की नजर अमेरिका के आंकड़ों पर है। उन्होंने कहा, ‘व्यापारी इस सप्ताह के अंत में अमेरिका में जारी होने वाले प्रमुख आंकड़ों पर बारीकी से नजर रखेंगे। इसमें पहली तिमाही का जीडीपी का अनुमान, व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) महंगाई दर आंकड़े और अप्रैल की नौकरियों के आंकड़े शामिल हैं।’ इसका मतलब है कि व्यापारी GDP, PCE और नौकरियों से जुड़े आंकड़ों पर ध्यान देंगे।
मेहता ने आगे कहा कि इन आंकड़ों से फेडरल रिजर्व के फैसलों पर असर पड़ सकता है। उनके मुताबिक, ‘ये आंकड़े फेडरल रिजर्व के अगले कदमों और व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में नई जानकारी दे सकते हैं।’ यानी, इन आंकड़ों से पता चल सकता है कि फेडरल रिजर्व आगे क्या करेगा।
5 हजार करोड़ से ज्यादा का व्यापार
अक्षय तृतीया के अवसर पर दिल्ली में 20 हजार से अधिक शादियां होने की संभावना है। व्यापारिक संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अनुमान लगाया है कि केवल एक दिन में होने वाली इन शादियों पर कुल मिलाकर 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत में वेडिंग इंडस्ट्री का आकार अब 10 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका है। लेकिन, अब तक इसे औपचारिक रूप से ‘इंडस्ट्री स्टेटस’ नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विशाल सेक्टर को संगठित ढांचे में लाने और इस सेक्टर में नकद लेन-देन को नियंत्रित करने के लिए उचित नीति, निगरानी और दिशा-निर्देशों की जरूरत है।