अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि भारत और चीन जैसे देशों के छात्रों का प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्नातक करने के बाद अपने देश लौटने को मजबूर होना शर्मनाक है। व्हाइट हाउस में आयोजित एक राउंडटेबल चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि नया ट्रंप गोल्ड कार्ड कार्यक्रम इस स्थिति को बदल देगा और अमेरिकी कंपनियों को ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को नियुक्त करने और देश में बनाए रखने में मदद करेगा।
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नौ करोड़ रुपये का ट्रंप गोल्ड कार्ड
ट्रंप ने बुधवार को एक मिलियन डॉलर करीब 9 करोड़ रुपये मूल्य के ट्रंप गोल्ड कार्ड वीजा कार्यक्रम की घोषणा की। इसे अमेरिकी नागरिकता के लिए नया मार्ग बताया जा रहा है। यह वीजा उन व्यक्तियों को दिया जाएगा जो अमेरिका को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह हमारे देश के लिए बेहतरीन लोगों को लाने का एक अवसर है। कई प्रतिभाशाली छात्र यहां की शीर्ष यूनिवर्सिटीज से पढ़कर निकलते हैं, लेकिन उन्हें भारत, चीन, फ्रांस या अपने मूल देश वापस जाना पड़ता है। यहां रहना बेहद मुश्किल है। यह शर्मनाक है, हास्यास्पद है। हम इसे ठीक कर रहे हैं।
कंपनियां छात्रों को रोकने के लिए कार्ड खरीद सकती हैं
आईबीएम के भारतीय-अमेरिकी सीईओ अरविंद कृष्णा और डेल टेक्नोलॉजीज के सीईओ माइकल डेल के साथ, ट्रंप ने घोषणा की कि गोल्ड कार्ड वेबसाइट लाइव हो गई है और कंपनियां व्हार्टन, हार्वर्ड और एमआईटी जैसे शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों से भर्ती किए गए छात्रों को अमेरिका में ही रखने के लिए गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं।
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक और अन्य अधिकारियों से कई बार सुना है कि वे सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों से लोगों को नियुक्त नहीं कर सकते क्योंकि आपको नहीं पता कि आप उस व्यक्ति को अपने पास रख पाएंगे या नहीं।
उन्होंने कहा कि छात्रों को देश से निकाल दिया जाता है। कई छात्र अपने कॉलेज से प्रथम स्थान पर स्नातक होते हैं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है… कि वे देश में रह पाएंगे। ट्रम्प ने कहा कि कुक ने उनसे इस वास्तविक समस्या के बारे में बात की थी।
अरबों डॉलर का उपयोग अमेरिका के विकास के लिए किया जाएगा
ट्रंप ने साथ ही यह भी जोड़ा कि गोल्ड कार्ड के माध्यम से अमेरिका को अरबों डॉलर प्राप्त होंगे जिनका उपयोग देश के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि कंपनियां अब गोल्ड कार्ड से बहुत खुश होंगी, जिसके फायदे अमेरिका में स्थायी निवास प्रदान करने वाले ग्रीन कार्ड से कहीं अधिक होंगे।
गोल्ड कार्ड के ग्रीन कार्ड से हैं कई अधिक फायदें
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आईबीएम व्हार्टन विश्वविद्यालय में अपने बैच के किसी टॉपर को नौकरी पर रखना चाहता है, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि वह व्यक्ति देश में ही रहेगा, तो कंपनी गोल्ड कार्ड खरीद सकती है और वह कर्मचारी काफी लंबे समय तक कंपनी में रह सकता है। कंपनियों को इसकी बहुत जरूरत है। यह मूल रूप से ग्रीन कार्ड का एक बेहतर विकल्प है। और ग्रीन कार्ड मिलना नामुमकिन है। यह ग्रीन कार्ड से कहीं बेहतर है।
एक व्यक्ति और एक निगम के लिए अलग-अलग प्रावधान
गोल्ड कार्ड के बारे में विस्तार से बताते हुए वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि इसकी लागत एक व्यक्ति के लिए एक मिलियन डॉलर और एक निगम के लिए दो मिलियन डॉलर होगी। साथ ही इसमें पूरी और सर्वोत्तम जांच शामिल होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये लोग अमेरिका में रहने के लिए पूरी तरह से योग्य हैं।
उन्होंने बताया कि फिर कंपनी उन्हें यहीं रख सकती है, और उनके पास नागरिकता प्राप्त करने का रास्ता होगा। जाहिर है, उन्हें अमेरिका में पूरी तरह से योग्य होना चाहिए और जांच प्रक्रिया पास करनी होगी। पांच साल बाद, वे नागरिक बनने के लिए पात्र होंगे।