किससे मिल रही चुनौती
लेज चिप्स, कुरकुरे नमकीन स्नैक्स और डोरिटोस नाचो चिप्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको को भारतीय स्नैक्स बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय कंपनियों और डायरेक्ट टू कंज्यूमर कंपनियों की संख्या में काफी तेजी आई है। इनमें हल्दीराम, बीकानेरवाला, बालाजी और लिस्टेड कंपनियों बीकाजी फूड्स, गोपाल स्नैक्स और प्रताप स्नैक्स शामिल हैं। साथ ही एथनिक स्नैक्स कंपनियों की भी बाजार में भरमार है। इनमें से ज्यादातर की कीमत जाने-माने ब्रांड्स के कम है। वे डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं और रिटेलर्स को ज्यादा मार्जिन देते हैं।
पेप्सिको की वेस्टर्न स्नैक्स मार्केट चिप्स और नाचोस में लगभग 24% बाजार हिस्सेदारी है। लेकिन नमकीन, भुजिया और चना चूर जैसे लोकल स्नैक्स में वह बहुत पीछे है। यह वजह है कि कंपनी हल्दीराम के साथ हाथ मिलाना चाहती है। इस बारे में पेप्सिको ने सवालों का जवाब नहीं दिया। हल्दीराम स्नैक्स फूड के सीईओ केके चुटानी ने भी कहा कि उनके पास कोई कमेंट नहीं है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के आंकड़ों के अनुसार, पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स ने अप्रैल से दिसंबर 2023 की नौ महीने की अवधि के लिए 5,954.16 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू हासिल किया। इसी अवधि में पेप्सिको के स्नैक्स बिजनस का रेवेन्यू 4,763.29 करोड़ रुपये रहा।
कौन-कौन हैं रेस में
हल्दीराम स्नैक फूड्स ने वित्त वर्ष 2024 में 12,800 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पेप्सिको से करीब दोगुना है। यह 500 प्रकार के स्नैक्स, नमकीन, मिठाइयां, रेडी टू ईट और प्री-मिक्स्ड फूड बनाती और डिस्ट्रीब्यूट करती है। हल्दीराम में माइनोरिटी स्टेक खरीदने की होड़ में सिंगापुर की कंपनी टेमासेक सबसे आगे है। हल्दीराम में 10-15% हिस्सेदारी खरीदने के लिए तीन बाइंडिंग ऑफर आए थे। इनमें ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम, टेमासेक-बेन और अल्फा वेव शामिल थे। बाद में बेन ने इस सौदे से खुद को अलग कर लिया।