हमीरपुर जिले के मौदहा तहसील क्षेत्र के फत्तेपुर के रहने वाले अल्ला रख्खू पुत्र अब्दुल्ला यहां जन सुनवाई के दौरान डीएम के दरबार में फरियाद करने आया। उसने एक लिखित प्रार्थना पत्र देकर बताया कि हुजूर उसे भू माफिया ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर अभिलेखों में मुर्दा दिखा दिया है। बेशकीमती जमीन के लिए यह खेल राजस्व डिपार्टमेंट के लेखपाल समेत कई लोगों ने खेला है।
नायब तहसीलदार के साथ ही गांव के सरपंच और सचिव भी इस पूरे मामले में शामिल है जिन्होंने जीवित होते हुए उसे और उसके भाई मुन्ना को वर्ष 1992 में फर्जी दस्तावेज जरिए मृत दिखाया है। फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र भी राजस्व कर्मियों ने जारी कराकर उसकी 1.43 हेक्टेयर भूमि भू माफिया के नाम कर दी है। पीडि़त किसान की फरियाद सुन डीएम ने सख्त तेवर अख्तियार करते हुए जांच कराने का फैसला लिया। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच एसडीएम मौदहा को देते हुए रिपोर्ट मांगी है।
जन सुनवाई में डीएम के सामने किसान ने खुद के जीवित होने के दिए सबूत
कलेक्ट्रेट में जन सुनवाई में डीएम से फरियाद कर अल्ला रख्खू ने अपने जीवित होने के कागजात दिखाए। उसने मौदहा तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए है। बताया कि रागौल निवासी मोइनुद्दीन व शकीलुद्दीन ने तत्कालीन लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार व फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले लेखक और गवाह ने उसे और भाई को जीवित होते हुए मृत दिखाया है।
भू माफियाओं के आतंक से परेशान किसान मकान बेचकर किया पलायन
पीडि़त अल्ला रख्खू ने बताया कि मोइनुद्दीन और शकीलुद्दीन का गांव में आतंक है। इसके आतंक से डरकर फत्तेपुर में बना खुद का मकान बेचकर गांव से पलायन करना पड़ा। बताया कि भू माफिया ने अभिलेखों में मृत दिखाकर उसकी पूरी जमीन अपने नाम अभिलेखों में दर्ज करवा ली है। अब उसे धमकाया जा रहा है। बताया कि फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाले प्रधान व सचिव भी भू माफिया से मिले है।