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Haryana Bulldozer Action News,हरियाणा में बीजेपी विधायक और मंत्री के फार्महाउस पर चला बुलडोजर, जानिए पूरा मामला – bulldozers action on haryana bjp mla and ministers farmhouses illegal constructions in aravalli

Byadmin

Jun 15, 2025


फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने अरावली में हो रहे अवैध निर्माणों पर रोक लगाते हुए उन्हें 15 दिन के भीतर स्वयं हटाने का निर्देश दिया था। हरियाणा के मुख्य सचिव भी इसको लेकर सख्त निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीमों ने क्षेत्र में कार्रवाई शुरू की है। शनिवार को हुए अभियान के दौरान, टीम अनंगपुर क्षेत्र पहुंची और सबसे पहले विधायक मनमोहन भड़ाना के फार्महाउस को निशाना बनाया। फार्महाउस काफी भव्य था। इसे लेकर भारी विरोध भी हुआ। बावजूद इसके, पुलिस की मदद से यह निर्माण तोड़ा गया। इसी के साथ ही एक अन्य मंत्री का फार्महाउस भी गिरा दिया गया। वन विभाग ने अनंगपुर क्षेत्र में बनी आलीशान प्रॉपर्टियों पर बुलडोजर चलाया। फार्महाउस के मालिकों और स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया कि यह जमीन 1980 से पहले से बसी हुई है। इसे फॉरेस्ट एरिया नहीं माना जा सकता। लोगों ने वन विभाग पर रिश्वत लेकर चुनिंदा निर्माणों को बचाने का आरोप भी लगाया।
गलत एनओसी का मुद्दा गर्माया
कुछ फार्महाउस को वन क्षेत्र से बाहर दिखाने के लिए कथित रूप से गलत एनओसी जारी की गई। जब मामले ने तूल पकड़ा तो वन विभाग ने संबंधित एनओसी रद्द करने के लिए डीसी को पत्र लिखा। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। इसे सभी अवैध निर्माणों तक आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि गलत एनओसी के मामले की जांच की जा रही है।

भ्रष्टाचार के आरोप
तोड़फोड़ के दौरान स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए कि वन विभाग के अधिकारी कुछ फार्महाउसों को बचाने के लिए पैसे लेकर एनओसी जारी कर रहे हैं। एक फार्महाउस की 15 बीघा जमीन को फॉरेस्ट क्षेत्र से बाहर दिखाकर बचा लिया गया, जबकि ठीक बगल के अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामा बढ़ने के बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल संबंधित एनओसी को रद्द करने के लिए डीसी को पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार, अब एनओसी जारी करने वाले अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

6 हज़ार से अधिक अवैध निर्माण चिन्हित
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अरावली क्षेत्र में लगभग 6,000 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, इन सभी को तोड़ने के बाद रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा।


सभी पर हो समान कार्रवाई

ग्रामीणों और स्थानीय लोगों की मांग है कि तोड़फोड़ निष्पक्ष होनी चाहिए। जिन लोगों ने अवैध निर्माण किए हैं, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों, सभी पर समान कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही जिन अधिकारियों ने भ्रष्ट तरीके से एनओसी जारी की है, उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाए। बता दें कि यह कार्रवाई जहां अवैध कब्जों के खिलाफ सरकार की सख्ती दिखाती है, वहीं इसके क्रियान्वयन को लेकर उठ रहे सवाल प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह अभियान कितनी निष्पक्षता और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ता है।

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