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Haryana Congress Reason Of Defeat,गुटबाजी, भितरघात और वरिष्ठ नेताओं की आपसी रंजिश… कांग्रेस के 52 प्रत्याशियों ने बताए हरियाणा में हार के कारण – congress 52 candidates told the reasons for their defeat in haryana factionalism sabotage and mutual rivalry among senior leaders

Byadmin

Oct 20, 2024


चंडीगढ़: हरियाणा में चुनाव हारने वाले कांग्रेस के 52 प्रत्याशियों ने शनिवार को अपनी हार के लिए पार्टी की गुटबाजी, भितरघात और वरिष्ठ नेताओं की आपसी रंजिश को जिम्मेदार ठहराया है। चुनाव से पहले कांग्रेस के पक्ष में माहौल होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फैक्ट फाइडिंग कमिटी का गठन किया था। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में राजस्थान के वरिष्ठ विधायक हरीश चौधरी भी बतौर सदस्य शामिल हैं।कमिटी ने जूम से मीटिंग की
कांग्रेस ने विधानसभा की नब्बे में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भिवानी सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत सीपीआई-एम के कामरेड ओमप्रकाश चुनाव लड़े थे। कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की। कमिटी ने चुनाव हारने वाले 52 उम्मीदवारों के साथ जूम से मीटिंग की और हार के कारणों का पता लगाया। सभी उम्मीदवारों को कमिटी की ओर से चुनाव हारने की वजह, विधानसभा क्षेत्र में वरिष्ठ नेताओं के दौरों के अलावा स्टार प्रचारकों के दौरे तथा ईवीएम के रोल के बारे में सवाल पूछे गए।

‘बागियों के कारण ही कांग्रेस हारी चुनाव’
कांग्रेस हाईकमान और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के तर्कों को खारिज करते हुए बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने ईवीएम के रोल से साफ इनकार कर दिया। कई उम्मीदवारों ने कहा कि कांग्रेस की हार के पीछे पार्टी के नेता खुद ही जिम्मेदार थे। टिकट नहीं मिलने से बागी हुए नेताओं को मनाने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए गए। कई सीटों पर कांग्रेस केवल अपने ही बागियों की वजह से चुनाव हारी। उम्मीदवारों ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं के बीच आपसी तालमेल नहीं था। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा की अनदेखी का मुद्दा भी कुछ उम्मीदवारों ने कमिटी के सामने उठाया। इनमें से कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने कहा कि अगर कुमारी सैलजा को उकलाना से चुनाव लड़ाया जाता तो प्रदेश की 10 से 15 सीटों का फायदा उनके चुनाव लड़ने मात्र से हो सकता था।

‘जाट वोटों के ध्रुवीकरण से भी नुकसान’कई उम्मीदवारों ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने हार के कारण गिनाते हुए कहा कि जाट वोट के ध्रुवीकरण से भी कांग्रेस को नुकसान हुआ। जाट मतदाताओं के मुखर होने की वजह से दूसरी जातियों में गलत संदेश गया। मतदान के एक सप्ताह पहले माहौल बिगड़ना शुरू हो गया और वोटिंग का दिन आते-आते गैर-जाट वोटर बीजेपी के लिए लामबंद हो गए। कुछ उम्मीदवारों ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने का काम किया। कई उम्मीदवारों ने कहा कि स्टार प्रचारकों के दौरों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से कोई पूर्व सूचना नहीं दी।

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