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Haryana Election Result Effect,हरियाणा में हार के बाद भी कांग्रेस में घमासान! प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने की इस्तीफे की पेशकश, बताई ये वजह – ruckus in haryan congress after defeat in election state in charge deepak babaria offered to resign

Byadmin

Oct 14, 2024


चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस की हार के बाद विवादों में घिरे पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की। बाबरिया ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रभारी का पद छोड़ने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस की हार के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान समेत कई नेताओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपक बाबरिया और चौधरी उदयभान को कांग्रेस की समीक्षा बैठक से दूर रखते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि हरियाणा के चुनाव में नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने निजी हितों को ध्यान में रखा। वहीं, राहुल गांधी का इशारा समझते ही दीपक बाबरिया ने खुद पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी।दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी से कहा है कि वे अब स्वस्थ नहीं रहते। इसलिए उनके स्थान पर किसी दूसरे को हरियाणा कांग्रेस का प्रभार सौंप दिया जाए। दीपक बाबरिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बीच अचानक तबीयत खराब हुई। पहले भी ब्रेन स्ट्रोक आ चुका है। दोबारा फिर स्थिति गंभीर है। ब्रेन ने शरीर के दूसरे अंगों तक संपर्क करना बंद कर दिया था।

न्यूरो से संबंधित समस्याएं थीं
उन्होंने कहा था कि न्यूरो से संबंधित समस्याएं थीं, जिस कारण कई दिनों तक मुझे अस्पताल में दाखिल होना पड़ा। बाबरिया के अनुसार, अब उनका स्वास्थ्य पहले से ठीक है, लेकिन उतार-चढ़ाव बना रहता है। इन सब चीजों को ठीक होने में समय लगेगा। इसलिए उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से हरियाणा का प्रभार छोड़ने की इच्छा जताई है।

इन नेताओं ने लगाए थे आरोप
बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान नौ सितंबर को दीपक बाबरिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। बाबरिया पर कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय चेयरमैन कैप्टन अजय सिंह यादव ने भी कई बार यह आरोप लगाए हैं कि उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव में आकर काम किया, जिस कारण पार्टी में बाकी नेताओं की पूरी तरह से अनदेखी हुई। उधर, अजय यादव ने कहा था कि प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह किसी दूसरे को चुनाव के समय ही नियुक्त कराना चाहिए था।

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