तमिलनाडु में लगातार हो रही भारी बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया है और कई जिलों में धान की फसल जलमग्न हो गई है। चेन्नई में जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद तीन प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने की घोषणा की गई है। उधर, हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बुधवार तड़के मौसम ने करवट बदली। कुल्लू में झमाझम बारिश हुई और लाहौल में इस सीजन का दूसरा हिमपात हुआ।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बना गहरा दबाव अगले 24 घंटे में उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ेगा। वहीं, तमिलनाडु तट के पास बंगाल की खाड़ी में बना एक और दबाव क्षेत्र भी अगले 12 घंटे में डिप्रेशन (अत्यधिक दबाव) में बदल सकता है, जिससे राज्य में और अधिक बारिश होने की संभावना है। चेन्नई जल संसाधन विभाग ने बताया कि चेम्बरमबक्कम, पूझल (रेड हिल्स) और पूंडी बांधों से एहतियातन पानी छोड़ा जा रहा है ताकि अतिरिक्त जल को समुद्र में सुरक्षित रूप से बहाया जा सके। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं।
राज्य के सबसे बड़े मेट्टूर बांध ने अपनी पूरी 120 फीट क्षमता हासिल कर ली है। बांध में 36,484 क्यूसेक पानी का प्रवाह जारी है, जबकि 35,741 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। लगातार बारिश के कारण विल्लुपुरम बस अड्डा पानी में डूब गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कई बसें अड्डे के बाहर से ही चलाई गईं और यात्रियों को पानी से होकर गुजरना पड़ा। चेन्नई पुलिस और निगम की टीमें सड़कों से पानी निकालने और गिरे हुए पेड़ों को हटाने में जुटी हैं।
कोडंबक्कम क्षेत्र में पेड़ की शाखाएं गिरने से कुछ देर के लिए यातायात बाधित हुआ, जिसे तुरंत बहाल कर दिया गया। राज्य सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने और राहत-बचाव कार्यों में तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है।
प्रभावितों के लिए 106 रसोई केंद्र किए स्थापित
प्रदेश में भारी बारिश से करीब 1.46 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनके लिए प्रदेश सरकार ने 106 रसोई केंद्र स्थापित किए हैं। उपमुख्यमंत्री उदयिनिधि स्टालिन ने चेन्नई के रिपन बिल्डिंग स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का दौरा कर बारिश से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शहर के कई बारिश प्रभावित इलाकों का भी निरीक्षण किया।
आंध्र प्रदेश में छह जिलों के लिए रेड अलर्ट
अमरावती। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव वाले क्षेत्र के चलते अगले 24 घंटे में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के प्रकाशम, नेल्लोर, कडप्पा, अन्नमय्या, तिरुपति और चित्तूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट का मतलब है कि इन जिलों में अगले 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। वहीं कुर्नूल, नंदयाल, अनंतपुर और श्री सत्यसाई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक बारिश की संभावना है। राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनीता ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की।
हिमाचल के कुछ हिस्सों में भी बारिश
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले और मनाली के ऊपरी इलाकों में बुधवार को बर्फबारी हुई, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, बर्फबारी से मौसम ठंडा हो गया है और पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे खिल उठे हैं।
मनाली और लाहौल-स्पीति में बर्फबारी के बाद पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश भी दर्ज की गई। मनाली में 12 मिमी, भरमौर में 11.5 मिमी, कीलॉन्ग में 6 मिमी, भुंतर में 3.6 मिमी, सिओबाग में 2.4 मिमी, पालमपुर में 2 मिमी और कुकुमसेरी में 1.2 मिमी वर्षा हुई।
शिमला मौसम केंद्र के अनुसार, लाहौल-स्पीति के जनजातीय क्षेत्र ताबो में रात का तापमान माइनस 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। कुकुमसेरी में 0.4 डिग्री, कीलॉन्ग में 1.8 डिग्री और कल्पा में 4.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ने और हल्की बर्फबारी जारी रहने की संभावना है।