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How India Benefits From Us-china Tension,चीन जितनी दिखाएगा अकड़ भारत को उतना फायदा, कैसे? दिग्‍गज ने समझाया कारोबारी गण‍ित – david bach foresees us adopt transactional approach with india under trump maintaining strategic partnership against china

Byadmin

Dec 16, 2024


नई दिल्‍ली: डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों में लेनदेन के पहलू को जोड़ेगा। साथ ही, चीन के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्व‍िता में भारत को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता रहेगा। आईएमडी बिजनेस स्कूल के प्रेसीडेंट डेविड बाक ने नई दिल्ली में सीआईआई के ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम में ये बातें कहीं। यानी चीन अमेरिका के साथ जितनी अकड़ में रहेगा, भारत के साथ सुपरपावर के संबंध उतने ही मजबूत होते जाएंगे। डेविड बाक जाने-माने पॉलिटिकल इकनॉमी एक्‍सपर्ट हैं। उन्‍होंने ईटी को दिए इंटरव्‍यू में कई महत्‍वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने ‘चाइना-प्लस वन’ रणनीति से भारत की लाभान्वित होने की संभावना पर भी रोशनी डाली। साथ ही, भारत को बुनियादी ढांचे पर फोकस रखने के साथ इनोवेशन और विकास अनुकूल सरकारी नीतियों को बनाने की सलाह दी।

चीन को कंट्रोल करने के ल‍िए भारत पर दांव

आईएमडी की वर्ल्ड कॉम्पिटिटिवनेस रैंकिंग का हवाला देते हुए बाक ने कहा कि भारत आर्थिक प्रदर्शन में अच्छा कर रहा है। हालांकि, प्रबंधकीय प्रथाओं और उत्पादकता में सुधार की गुंजाइश है। आईएमडी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है। प्रमुख भारतीय कंपनियों के साथ वह संबंधों को मजबूत करना चाहता है।

डेविड बाक ने बताया कि ट्रंप प्रशासन का लेनदेन का नजरिया चीन को नियंत्रित करने के लिए भारत को अपने पाले में लाने का होगा। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप के मामले में अनिवार्य रूप से कोई विचारधारा नहीं है। उनके लिए हमेशा सवाल होता है- मुझे क्या हासिल होगा और मैं कैसे सही दिखूंगा?’

बाक के मुताबिक, ऐसा नहीं है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इकनॉमिक फिलॉसफी या नैशनल प्रोजेक्‍ट को अपनाते हैं। सवाल यह होता है कि क्या उनके लिए कोई सौदा करने और अच्छा दिखने का अवसर है? और यही उनके व्यवहार को चलाता है। हालांकि, बाक ने यह भी संकेत दिया कि भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापक भू-रणनीतिक परिप्रेक्ष्य भी काम करेगा।

‘चाइना-प्लस वन’ रणनीति का भारत को होगा फायदा

बाक ने कहा कि भारत ‘चाइना-प्लस वन’ रणनीति का बड़ा लाभार्थी होगा। लेकिन, यह ट्रंप की ओर से बीजिंग के खिलाफ टैरिफ खतरों से कम और दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते टकराव से अधिक प्रेरित होगा।

बाक के अनुसार, ‘जैसे-जैसे अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता तेज होगी। साथ ही जैसे-जैसे चीन की विदेश नीति मजबूत होती जाती है, कई सरकारें, कई व्यवसाय, निश्चित रूप से पश्चिम में, चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश करेंगे। इसलिए यह (चीन से) अलग होना नहीं है, यह जोखिम कम करना है। यह चीनी उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ से स्वतंत्र रूप से अन्य देशों के लिए अवसर प्रदान करता है।’

बाक ने आगे कहा कि भारत को बुनियादी ढांचे पर अपना फोकस बढ़ाना चाहिए। इनोवेशन और डेवलपमेंट के पक्ष में सरकारी नीतियों को बनाना चाहिए। आईएमडी की वर्ल्ड कॉम्पिटिटिवनेस रैंकिंग में भारत 39वें स्थान पर है। बाक ने इसका हवाला देते हुए कहा कि देश आर्थिक प्रदर्शन में अच्छा कर रहा है।

बाक ने कहा, ‘व्यवसाय भी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन ऐसे क्षेत्र हैं जहां सुधार की गुंजाइश है।’ उन्होंने स्वीकार किया कि भारत जैसे देश में जहां बड़ा कार्यबल है, वहां उत्पादकता सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र नहीं हो सकता है। लेकिन, अंत में यही सकल घरेलू उत्पाद को संचालित करता है।

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