पिछले काफी दिनों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे ओडिया गायक ह्यूमन सागर अब इस दुनिया में नहीं रहे। सोमवार शाम 34 साल की उम्र में उनका निधन हो गया और इस खबर ने पूरे ओडिया फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया। जिन सुरों ने लाखों दिलों को छुआ, वो सुर हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं।
34 साल में दुनिया को कहा अलविदा
डॉक्टरों के अनुसार ह्यूमन सागर की मौत मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम के कारण हुई। उनकी खराब तबीयत के चलते पिछले तीन दिनों से AIIMS भुवनेश्वर में उनका इलाज चल रहा था। 14 नवंबर को दोपहर करीब 1:10 बजे ह्यूमन सागर को गंभीर हालत में AIIMS भुवनेश्वर लाया गया। डॉक्टरों ने तुरंत उन्हें मेडिकल ICU में शिफ्ट कर कई जांचें कीं। रिपोर्ट्स में सामने आया कि उनके शरीर के कई जरूरी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने बताया कि वो एक्यूट-ऑन-क्रोनिक लिवर फेल्योर, बाइलेटरल न्यूमोनिया, और डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी जैसी गंभीर स्थितियों से जूझ रहे थे।उनकी हालत तेजी से बिगड़ती गई और सोमवार की शाम को उन्होंने आखिरी सांस ली। इस दुखद खबर के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।
दो दिन पहले आईसीयू में हुए थे भर्ती
जब दो दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़कर ICU में भर्ती किया गया था, तभी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर उनके जल्द ठीक होने की कामना की थी। उन्होंने लिखा था कि पूरा राज्य उनके लिए दुआ कर रहा है और उम्मीद है कि वे जल्दी स्वस्थ होकर अपने परिवार और संगीत की दुनिया में लौट आएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
सिंगर की मां ने लगाए मैनेजर पर आरोप
सिंगर के निधन के बाद उनकी मां शेफाली ने ह्यूमन के मैनेजर और इवेंट के आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि खराब तबीयत होने के बावजूद सिंगर को स्टेज पर परफॉर्म करने के लिए मजबूर किया गया। ह्यूमन की हालत खराब थी लेकिन फिर भी उन्हें जबरदस्ती परफॉर्म करने के लिए कहा गया।
ओडिया संगीत को नई पहचान दी
ह्यूमन सागर की लोकप्रियता सिर्फ गानों तक सीमित नहीं थी—वो लोगों की भावनाओं की आवाज थे। उनकी शुरुआत फिल्म इश्क तू ही तू के टाइटल ट्रैक से हुई थी, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इसके बाद उन्होंने न सिर्फ ओडिया फिल्म इंडस्ट्री में सैकड़ों गाने गाए, बल्कि हिंदी में मेरा ये जहां जैसे एल्बम से भी अपनी पहचान बनाई। उनकी आवाज में वो दर्द और गहराई थी, जिसकी वजह से निश्वासा, बेख़ुदी, तुमा ओठा तले, और चेहरा जैसे कई एल्बम सुपरहिट साबित हुए। ओडिशा के लगभग हर घर में उनकी आवाज गूंजती थी और आज उनकी खामोशी ने एक खालीपन छोड़ दिया है।