• Mon. Jun 9th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

India Cannot Hold Talks On Iwt Until Terror Concerns Addressed: Sources On Pak’s Repeated Attempts – Amar Ujala Hindi News Live

Byadmin

Jun 9, 2025


भारत पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) पर तब तक कोई बातचीत नहीं करेगा, जब तक नई दिल्ली की आतंकवाद को लेकर जो चिंताएं हैं, उन्हें दूर नहीं किया जाता और यह संधि पूरी तरह से नए सिरे से नहीं बनाई जाती। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

Trending Videos

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने कई बार भारत से संपर्क किया है और भारत से अपील की है कि वह सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी को कई पत्र लिखे हैं और कहा है कि पाकिस्तान भारत की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

ये भी पढ़ें: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की 11 जून को रिहाई की अटकलें तेज, क्या झुक जाएगी पाकिस्तानी सेना?

हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, जब तक आतंकवाद से जुड़ी भारत की चिंताओं का समाधान नहीं होता और संधि को पूरी तरह नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक भारत किसी भी स्तर पर पाकिस्तान से बातचीत नहीं करेगा। देबाश्री मुखर्जी ने इस फैसले की जानकारी पाकिस्तान को औपचारिक रूप से दी थी। 

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। 

विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के बंटवारे और उपयोग को लेकर बनी हुई है।  सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी सिंधु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं। रावी, ब्यास और सतलुज को ‘पूर्वी नदियां’ कहा जाता है, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब को ‘पश्चिमी नदियां’ माना जाता है।

ये भी पढ़ें: Assam: ‘अवैध विदेशियों की पहचान और निष्कासन के लिए 1950 का कानून सख्ती से लागू करेगी सरकार’, CM सरमा का बयान

सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद भारत अब यह योजना बना रहा है कि वह इस संधि के तहत अपने हिस्से के पानी का अधिकतम उपयोग कैसे कर सकता है। इसके लिए एक अध्ययन किया जाएगा, जिसमें जल संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल, नए ढांचे के विकास और भारत के अधिकारों के पूर्ण उपयोग पर फोकस किया जाएगा।

 

By admin