विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने यह बयान उस समय दिया, जब भारत पर अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से रूस से तेल आयात को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह स्थिति यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद बनी है।
भारत ने रूस से तेल इसलिए खरीदा क्योंकि पहले जहां से तेल आता था, वहां का तेल युद्ध के कारण अब यूरोप को भेजा जाने लगा था। जायसवाल ने कहा कि उस समय अमेरिका ने भी भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता बनी रहे। भारत जो भी तेल रूस से मंगवा रहा है, उसका मकसद यह है कि देश में उपभोक्ताओं को सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा मिल सके।
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इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी। ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान पर टैरिफ को बड़ी मात्रा में बढ़ाने वाले हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद कर उसे दूसरे देशों को बेच रहा है और इससे भारी मुनाफा कमा रहा है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के साथ ही रूस से तेल एवं गैस खरीदने पर दंडात्मक जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, भारत रूस से भारी मात्रा में न सिर्फ तेल खरीद रहा है, बल्कि उस तेल के बड़े हिस्से को खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, भारत को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस की युद्ध मशीन कितने लोगों की जान ले रही है। इसी वजह से मैं भारतीय सामान पर अमेरिका में टैरिफ को काफी बढ़ाने जा रहा हूं। इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!