डब्ल्यूटीओ में सुधार का समर्थक
गोयल ने सऊदी अरब और दूसरे देशों के प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार का समर्थन करता है। लेकिन, उसका मानना है कि देशों को व्यापार विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए।
पीयूष गोयल के मुताबिक, कुछ खास एजेंडों पर भारत के सामने चुनौतियां हैं जहां विकसित दुनिया और उभरते बाजार अलग-अलग सोचते हैं। दोनों पक्ष उन मतभेदों को सुलझाने में सक्षम नहीं हुए हैं। लेकिन, वह उन लोगों में से हैं जो मानते हैं कि भविष्य उज्ज्वल है।
गोयल ने भारत और अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने व्यापार निगरानी संस्था पर निर्भर हुए बिना अपने सात डब्ल्यूटीओ विवादों को द्विपक्षीय रूप से सुलझा लिया।
भारत का रुख आम धारणा से काफी अलग
यह रुख आम धारणा से काफी अलग है। बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं जो मानते हैं कि चीन-अमेरिका के बीच तनाव का भारत फायदा उठाना चाहता है। लेकिन, गोयल की बातों से साफ पता चलता है कि भारत एक शांतिपूर्ण और विकासशील देश है जो सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने का इच्छुक है।
भारत और चीन दोनों ही क्षेत्रीय शक्तियां हैं और उनके बीच प्रतिद्वंद्विता लाजिमी है। दोनों देश अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। भारत क्षेत्रीय स्थिरता को महत्व देता है। चीन की अस्थिरता से पूरे क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जो भारत के हित में नहीं है।