स्मादजा के अनुसार, ‘हां, अर्थव्यवस्था का आकार एक अच्छा संकेत है। इससे धारण बन सकती है कि वैश्विक स्तर पर देश का आर्थिक वजन कितना है। लेकिन, मायने यह रखता है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी कितनी है।’ स्मादजा का मानना है कि भारत की बेहतर आर्थिक स्थिति सुधारों को और तेज करने के लिए प्रेरणा होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास का लाभ सभी नागरिकों को मिलना चाहिए। यह सिर्फ बढ़ते मध्यम वर्ग तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
स्मादजा ने कहा कि भारत वैश्विक प्रौद्योगिकी की दौड़ में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। भारत के पास बिग डेटा का अनूठा फायदा है। भारत में इंटरनेट और मोबाइल फोन का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इसलिए यहां डेटा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह डेटा हमारे जीवन के कई पहलुओं पर असर डालता है।
स्मादजा ने चेतावनी दी है कि भारत को अपने डेटा की सुरक्षा करनी चाहिए। अमेरिकी टेक कंपनियां भारत के डेटा तक पहुंचना चाहती हैं। चीन ने अपने डेटा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यूरोप भी नियमों को सख्त कर रहा है। स्मादजा ने कहा, ‘भारत में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इस बड़ी रणनीतिक संपत्ति की रक्षा करें।’
यह डेटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक जैसी तकनीकी तरक्की के लिए बहुत जरूरी है। इसका इस्तेमाल सभी लोगों के फायदे के लिए किया जाना चाहिए। खासकर ग्रामीण इलाकों में। स्मादजा ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए और भी अच्छी नीतियां बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की कंपनियां टेक्नोलॉजी को खरीदने में ज्यादा ध्यान देती हैं। उसे विकसित करने में नहीं।
रिसर्च और डेवलपमेंट पर बढ़ाना होगा फोकस
स्मादजा के अनुसार, भारतीय कंपनियों को रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। भारत में युवाओं की आबादी बहुत ज्यादा है। यह एक बहुत बड़ा फायदा है। लेकिन, लोगों को कौशल सिखाने और उन्हें फिर से प्रशिक्षित करने की बहुत जरूरत है। भारत को 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल करना है। इसके लिए उसे अपने औद्योगिक आधार को बढ़ाना होगा। कारण है कि जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी चीन से बहुत कम है।
स्मादजा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में उत्पादकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। इससे न केवल देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। बल्कि ग्रामीण लोगों की खरीदने की क्षमता भी बढ़ेगी। इससे ज्यादा लोग चीजें खरीदेंगे और देश का विकास होगा।
भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। यह एक अच्छी बात है। लेकिन, हमें अपनी कमियों को दूर करना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास का लाभ सभी नागरिकों को मिले। ताकि सभी का जीवन बेहतर हो सके।