{“_id”:”6792818d72928903f4028348″,”slug”:”indore-fir-against-a-person-who-gives-alms-in-indore-first-such-case-2025-01-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Indore News: इंदौर में भीख देने और लेने वाले पर दर्ज हुई एफआईआर, इस तरह का पहला मामला”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
इंदौर में भीख देने वाले अब सावधान रहें। उन पर केस दर्ज हो सकता है। शुक्रवार को भीख देने के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। एफआईआर में व्यक्ति का गाड़ी नंबर भी दर्ज है। भीख लेने वाले के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हुआ है।
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इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी सिलसिले में भिक्षा लेने और देने के दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा इंदौर में भिक्षा लेने और देने दोनों को प्रतिबंधित किया गया है।
गुरुवार को फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआं में आरोपी मुकेश पिता बालाराम (48) निवासी भावना नगर खंडवा नाका के खिलाफ केस दर्ज कराया। आवेदन के अनुसार सोनाबाई पति बलराम निवासी, 146 भावना नगर पालदा इंदौर द्वारा लगातार भंवरकुआं चौराहे में भिक्षावृत्ति की जा रही है। इसके पहले उनके पुत्र मुकेश से शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर एक वर्ष पूर्व इनको समझाइश देकर छोड़ा गया था। इसके बाद दो बार भंवरकुआं चौराहे पर स्थित मंदिर में भिक्षावृत्ति करते हुए रेस्क्यू दल द्वारा इनको पकड़ा गया। गुरुवार को वह फिर भीख मांगते नजर आई तो भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत किए गए प्रतिबंधित आदेश के उल्लंघन पर सोनाबाई पति बलराम के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत कर जिम्मेदारी लेने वाले उसके पुत्र मुकेश पर प्रकरण दर्ज कराया गया।
इसी तरह एक अन्य मामले में फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआं में उपस्थित होकर एफआईआर दर्ज कराई। इस प्रकरण में बताया गया कि यह प्रकरण अज्ञात आरोपी के खिलाफ दर्ज कराया गया है। प्रकरण के अनुसार 21 जनवरी को खंडवा नाका में रोड के किनारे बने हनुमान मंदिर में एक अज्ञात युवक ( वाहन क्रमांक MP09 SG4361 में आया था) द्वारा मंदिर के सामने बैठी भिक्षुक को भिक्षा देकर प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया गया है। इस पर अपराध धारा 223 बी एन एस का प्रकरण पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।