ईरान ने शुक्रवार को कोम शहर में जमकरन मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराया है। यह झंडा अन्यायपूर्ण तरीके से बहाए गए खून और मारे गए व्यक्ति का बदला लेने के आह्वान का प्रतीक है। बीते साल 2024 में हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या और उससे पहले पहले जनवरी 2020 में ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद यह झंडा फहराया गया था। शुक्रवार के हमले में ईरान में कई मौतें हुई हैं, जिसके बाद झंडा फहराया गया है।
ईरान ने दिया बदले का संकेत
ईरान की कोम मस्जिद पर लाल झंडा बदले का संकेत है। इस झंडे को फहराए जाने का मतलब साफ है कि ईरान की ओर से इजरायल पर हमला किया जाएगा। जामकरन मस्जिद का ईरान की संस्कृति और शिया मुस्लिमों में खास स्थान है। इस मस्जिद पर लाल झंडा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का प्रतीक है। करबला में इमाम हुसैन की हत्या के बाद ऐसा झंडा फहराया गया था। ऐसे में शियाओं के लिए इस जगह और झंडे का खास महत्व रहा है।
इजरायल और ईरान के बीच विवाद वर्षों पुराना है लेकिन शुक्रवार सुबह अचानक दोनों में तनाव बढ़ गया है। ये इजरायल की ओर से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर हमले किए जाने के बाद हुआ है। इजरायल की सरकार ने कहा है कि उसने ऑपरेशन राइजिंगग लायन शुरू किया है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नेस्तानाबूद करने तक जारी रहेगा।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इसराइल के हमले पर कहा है कि उसे इसकी सजा भुगतनी होगी। खामेनेई ने कहा कि इजरायली सरकार को ये उम्मीद नहीं करनाी चाहिए कि उसे तेहरान पर हमले का जवाब नहीं मिलेगा। ईरान की सशस्त्र सेना उन्हें सजा दिए बिना नहीं जाने छोड़ेगी। इजरायल के निश्चित रूप से जवाब दिया जाएगा।