इसरो ने क्रायोजेनिक इंजन का वैक्यूम इग्निशन ट्रायल सफलतापूर्वक कर लिया है। ये सफलता इसरो के लिए मील का पत्थर साबित होगी।अंतरिक्ष में उड़ान के बीच में वैक्यूम परिस्थितियों में क्रायोजेनिक इंजन को दोबारा से शुरू करना जटिल होता है इसलिए ऐसे हालात में इंजन को दोबारा शुरू करने के लिए इसरो केंद्रीय गैस प्रणाली के बजाय बूटस्ट्रैप मोड में टर्बोपंप के इस्तेमाल करने को लेकर खोज कर रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने फिर एक बार नई उपलब्धि को हासिल किया है। इसरो ने शनिवार (8 फरवरी 2025) को बताया कि उसने क्रायोजेनिक इंजन का वैक्यूम इग्निशन ट्रायल सफलतापूर्वक कर लिया है।
इसरो ने कहा कि उसने वैक्यूम परिस्थितियों में ‘मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर’ के साथ एलवीएम3 के ऊपरी चरण को पावर देने वाले स्वदेशी सीई20 क्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक प्रज्वलन परीक्षण किया है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण शुक्रवार को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में किया गया।
क्यों अहम है ये परीक्षण?यह इंजन गगनयान मिशन के लिए काफी अहम है। इस मिशन के तहत भारत पहली बार अंतरिक्ष में इंसानों को भेजेगा।अंतरिक्ष में उड़ान के बीच में वैक्यूम परिस्थितियों में क्रायोजेनिक इंजन को दोबारा से शुरू करना पेचिदा है, इसलिए ऐसे हालात में इंजन को दोबारा शुरू करने के लिए इसरो केंद्रीय गैस प्रणाली के बजाय बूटस्ट्रैप मोड में टर्बोपंप के इस्तेमाल करने को लेकर खोज कर रहा है।
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