सलाखों के पीछे कैद आलीशान जिंदगी जीने की आदी ज्योति मल्होत्रा को जेल में पोंछा लगाने और कोयला भी तोड़ना पड़ता है। पिता हरीश मल्होत्रा ने बताया कि बेटी ज्योति से कभी घर में पोंछा नहीं लगवाता था। वहीं, ज्योति की सोमवार को अदालत में पेशी है। आसार है कि इस बार वह खुद अदालत में पेश हो सकती है। पेशी के दौरान वे ज्योति से मिलने जाएंगे। इस दौरान अदालत की तरफ से ज्योति को भी चार्जशीट की कॉपी मिलने की उम्मीद है।
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Jyoti Malhotra
– फोटो : facebook @TravelWithJo
बैरक बदली, दरी की जगह मिला सोने के लिए गद्दा
हरीश मल्होत्रा ने बताया कि जेल में माह में एक दिन ज्योति को पोंछा लगाना पड़ता है। रक्षाबंधन वाले दिन जब वह ज्योति से मिले थे तो उन्हें बताया कि जेल वालों ने उसे कोयला भी तोड़ने के लिए दिया। ज्योति के पिता ने बताया कि पहले ज्योति बैरक नंबर 6 में थी, मगर उस बैरक में उसके साथ खूंखार अपराधी थीं।
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ज्योति को शक था कि वे उसे नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस पर उसने जेल प्रशासन से बैरक बदलने की मांग की थी। इस पर जेल प्रशासन ने उसे बैरक नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया। उसे सोने के लिए गद्दा भी दिया गया है। इससे पहले वाली बैरक में वह दरी पर सो रही थी।
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– फोटो : सोशल मीडिया
टीवी देखती है और पढ़ती है अखबार
हरीश मल्होत्रा ने बताया कि रक्षाबंधन वाले दिन जब वह ज्योति को उसके बारे में छपने वाली खबरों के बारे में बताने लगे, तो ज्योति ने बताया कि वह टीवी पर अपनी खबरें देखती है और अखबार भी पढ़ती है। ज्योति सप्ताह में एक दिन उससे व उसके वकील से फोन पर भी बात करती है। ज्योति को सप्ताह में एक दिन 15 मिनट तक फोन पर बात करने की अनुमति है।
हरीश मल्होत्रा ने बताया कि जेल की कैंटीन में बाहर के मुकाबले सामान तीन गुना ज्यादा महंगा है। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह कैंटीन से ज्यादा सामान खरीद सके। इस कारण से ज्योति भी कैंटीन से कम ही सामान खरीदती है। हालांकि वह कई बार ज्योति के खाते में ऑनलाइन पैसा जमा करवा देते हैं।