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KD Singh Babu Memorial Museum Yogi Government,हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू का 36000 स्क्वायर फुट में बना बंगला, CM योगी की पहल से इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा – padma shri hockey player kd singh babu bungalow built 36 thousand square feet yogi government convert into museum

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Mar 31, 2025


जितेन्द्र कुमार मौर्य, बाराबंकी: देश में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के साथ हॉकी खेल जलवा बिखरने वाले केडी सिंह बाबू के स्मृति संग्रहालय के लिए योगी सरकार ने 898.27 लाख रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश सरकार की पहल से खेल प्रेमियों खुशी की लहर दौड़ गई है। सरकार ने बाराबंकी में केडी सिंह बाबू की पैतृक हवेली में खेल उपलब्धियों को संजोने व स्मृति संग्रहालय का रूप देने के लिए 5 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिया है।हॉकी खेल के जगत में देश में अपनी पहचान रखने वाले कुंवर दिग्विजय सिंह (केडी सिंह बाबू) के पैतृक हवेली को स्मृति संग्रहालय बनाने की कवायत पूरी हो गई है। बाराबंकी शहर क्षेत्र के सिविल लाइन में करीब 36 हजार स्क्वायर फुट में फैले प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू के बंगले को स्मृति संग्रहालय बनाने के लिए काफी समय से मांग चल रही थी। इसको लेकर राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। जिला प्रशासन के सहयोग से भेजे गए व्यय के प्रस्ताव पर सीएम योगी ने रविवार को मुहर लगा दी है।

स्मृति संग्रहालय के लिए सरकार ने भेजी धनराशि

प्रारंभिक परियोजना के दिए प्रस्ताव के तहत अनुमानित लागत 1 करोड़ 21 लाख रुपये थी, जिसे पुनर्मूल्यांकन के बाद सरकार ने इस परियोजना के लिए संस्कृति विभाग को 8 करोड़ 98 लाख 27 हजार रुपये की स्वीकृति दी है। केडी सिंह बाबू के पैतृक आवास को स्मृति संग्रहालय बनाने के लिए प्रथम किश्त के रूप में 5 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में जारी किए हैं।

ओलंपिक खेल में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया

1948 और 1952 के ओलंपिक खेल में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले कुंवर दिग्विजय सिंह (बाबू केडी सिंह) एशिया के ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी थे, जिन्हें अमेरिका की लॉस एंजिल्स की हेम्सफर्ड फाउंडेशन (हेम्स ट्राफी) का खिताब मिला था, जो खेलों का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। हॉकी के सुप्रसिद्ध खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ केडी सिंह बाबू के साल 1978 में निधन के बाद इनकी याद में लखनऊ स्टेडियम को सरकार ने केडी सिंह बाबू नाम रखा था।

इसके कुछ वर्ष बाद गृह जनपद बाराबंकी में भी इन्ही के नाम पर स्टेडियम बनाया गया। अब खेल प्रेमियों और इनके चाहने वालों की मांग पर मौजूदा योगी सरकार इनकी पैतृक हवेली को संग्रहालय का रूप दे रही है। इसके लिए 5 करोड़ रुपये जारी करने पर जिले और सभी खेल प्रेमियों की ओर से राज्य मंत्री सतीशचंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया है।

बंटवारे के विवाद पर अदालत ने सील की थी हवेली

36 हजार वर्ग फुट में फैली इस हवेली पर ठाकुर रघुनाथ सिंह के बेटों ‘कुंवर राजेन्द्र सिंह, कुंवर भूपेंद्र सिंह, कुंवर सुखदेव सिंह, कुंवर नरेश सिंह, कुंवर दिग्विजयसिंह (बाबू केडी सिंह) और कुंवर सुरेश सिंह’ के बीच कोठी के वारिसों के बीच बंटवारे को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। वर्ष 2009 को कोर्ट ने आदेश डिक्री पारित किया।

इसमें तय हुआ था कि सभी पक्षकार इस कोठी को बेचकर आपस में पैसों का बराबर बंटवारा कर लेंगे। 6 फरवरी 2024 को अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन खान जीशान मसूद के आदेश पर कोठी को सील कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने इस कोठी को 11 मार्च 2024 को नीलाम कराने का आदेश भी दिया था।

हवेली को लेकर परिवार में समझौता

बाबू केडी सिंह की हवेली से जिले के खिलाड़ियों समाजसेवियों का खास लगाव रखते हैं। उनको यादों को संजोने के लिए लोगों ने हवेली को नीलाम न हो और उनके नाम से मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव रखा। लोगों के साथ, संस्थाओं, खिलाड़ियों और कई राजनीतिक लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और डीएम को हवेली का अधिग्रहण कर स्मारक बनाने के निर्देश दिए।

बाद में पक्षकार भी संग्रहालय बनाने और हवेली को नीलाम न करने पर राजी हो गए थे। मौजूदा डीएम सत्येंद्र कुमार ने स्मारक बनाने के लिए संस्कृति विभाग को प्रस्ताव भेजा था। प्रशासन की पहल पर सभी पक्षकारों को उनके हिस्से का मुआवजा मिल जाने के बाद जनवरी 2025 में ही आपसी समझौते से मुकदमा वापस हो गया। इसके बाद से हवेली जिला प्रशासन की देखरेख में थी।

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