सौरभ श्रीवास्तव, प्रयागराज: ग्लैमर की दुनिया में रहते हुए विवादों से घिरी ममता कुलकर्णी की ‘विरक्ति’ की राह भी सवालों से घिर गई है। किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने का दावा करने वाले अजय दास ने शुक्रवार को ममता कुलकर्णी और उनका पट्टाभिषेक करवाने वाले किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से बाहर कर दिया है। वहीं, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अजय दास की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए उनके दावे को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि उन्हें 10 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा जाएगा।किन्नर अखाड़े ने 24 जनवरी को ममता को संन्यास ग्रहण करवाने के साथ ही उनका पट्टाभिषेक करवाया था। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि और ‘ममता नंद गिरि’, नया नाम दिया गया था। शुक्रवार को अजय दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उन्होंने 2015-16 में किन्नर अखाड़े की स्थापना की थी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन अनैतिक आचरण और उद्देश्य से भटकने के कारण उन्हें पद से हटाकर अखाड़े से बाहर कर दिया गया था।
‘निकाले जा चुके हैं अजय दास’
‘निकाले जा चुके हैं अजय दास’
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि 2016 में ही अजय दास के खिलाफ गबन और अन्य अनैतिक कृत्यों की शिकायतें आई थीं। इसके बाद वह गृहस्थ जीवन में चले गए थे। उन्हें किन्नर अखाड़े से मुक्त किया जा चुका है। अगर किन्नर अखाड़े के संस्थापक होते तो यहां होते। किसी और के आश्रम में बैठकर कोई किन्नर अखाड़े के बारे में निर्णय कैसे ले सकता है?
अखाड़ा परिषद लक्ष्मी के साथ
अखाड़ा परिषद ने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया है। परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि अजय दास कौन हैं? मैं नहीं जानता। किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ जुड़ा है। परिषद आचार्य लक्ष्मी नारायण के साथ है।