मुंबई: मुंबई पुलिस ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इन पर मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत वित्तीय सहायता का आश्वासन देकर पुरुषों समेत कई लोगों के नाम से बैंक खाते खोलने और उनमें साइबर अपराध एवं मनी लॉन्ड्रिंग से प्राप्त धनराशि को जमा करने का आरोप है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया इन खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए हैं, जिनमें से कई साइबर ठगी, व्यापार और काले धन को सफेद धन में बदली गई धनराशि है।
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस ने बताया कि गरीब तबके के भोले-भोले लोगों को लालच देकर आरोपी उनके बैंक खाते साइबर ठगों को बेच देते थे। जुहू थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, करीब 2,500 बैंक खाते खोले गए। इनमें से कुछ खाते कथित तौर पर साइबर ठगों और धन शोधन करने वालों को बेचे गए। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी गुजरात के सूरत शहर से यह रैकेट चला रहे थे। अधिकारी के अनुसार, फौरी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घोटाले से जुड़े 100 से अधिक सक्रिय बैंक खातों में वित्तीय लेनदेन पर रोक लगा दी और इन खातों में 19,43,779 रुपये जब्त कर लिए हैं।
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस ने बताया कि गरीब तबके के भोले-भोले लोगों को लालच देकर आरोपी उनके बैंक खाते साइबर ठगों को बेच देते थे। जुहू थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, करीब 2,500 बैंक खाते खोले गए। इनमें से कुछ खाते कथित तौर पर साइबर ठगों और धन शोधन करने वालों को बेचे गए। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी गुजरात के सूरत शहर से यह रैकेट चला रहे थे। अधिकारी के अनुसार, फौरी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घोटाले से जुड़े 100 से अधिक सक्रिय बैंक खातों में वित्तीय लेनदेन पर रोक लगा दी और इन खातों में 19,43,779 रुपये जब्त कर लिए हैं।
अधिकतर पीड़ित पुरुष हैं
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पुरुष हैं। इन्हें लाडकी बहिन योजना के तहत हर महीने 1,500 रुपये की सरकारी सहायता देने का वादा किया गया था। जबकि यह योजना केवल पात्र महिला लाभार्थियों के लिए है। अधिकारी के अनुसार, घोटाले का खुलासा तब हुआ जब विले पार्ले के नेहरू नगर झुग्गी बस्ती के एक मजदूर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अविनाश कांबले (25) और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। (इनपुट एजेंसी)