लखनऊ: रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के जंगल में लगाए गए ट्रैप कैमरों में पहली बार शुक्रवार सुबह बाघ की तस्वीर कैद हुई। संस्थान के चौथे ब्लॉक में लगे ट्रैप कैमरे में बाघ नजर आया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने संस्थान के साथ आसपास के गांवों में बाघ की तलाश तेज कर दी है।वन विभाग की टीम को संस्थान में लगे ट्रैप कैमरों की फुटेज चेक करने पर बाघ की फुटेज मिली। वह चौथे ब्लॉक से सुबह करीब पांच बजे गुजरा था। इसका पता चलने पर डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय सुबह संस्थान परिसर पहुंचे और सर्च टीम को जरूरी निर्देश दिए। इसके साथ वन विभाग की टीमों को अलर्ट करने के साथ आसपास के गांवों में भेजकर लोगों को सतर्क किया गया। बाघ के संस्थान के जंगल में ही होने और शाम चार बजे के बाद मूवमेंट होने की उम्मीद के साथ टीमों को खासतौर पर सतर्क किया गया।
एक्सपर्ट की ले रहे मदद
एक्सपर्ट की ले रहे मदद
डीएफओ ने बताया कि सर्च ऑपरेशन में शाहजहांपुर के पूर्व डीएफओ प्रखर गुप्ता की भी मदद ली जा रही है। प्रखर गुप्ता ने भी शुक्रवार सुबह डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय के साथ संस्थान परिसर का जायजा लिया। बताया जा रहा है कि प्रखर गुप्ता टाइगर पकड़ने में एक्सपर्ट है।
दो गांवों में पगमार्क भी मिले
ट्रैप कैमरे में दिखने के अलावा शुक्रवार को मंडौली गांव में बेहता नाले के पास बाघ के पगमार्क भी मिले। हलुवापुर गांव के बाहर खेतों में भी पगमार्क मिले हैं। इस बीच मीठेनगर, दुगौली, उलरापुर, खालिसपुर समेत आसपास के कई गांवों में बाघ की दहशत है। ग्रामीण शाम चार बजे से ही घरों में कैद हो जा रहे हैं। वहीं, बाघ देखे जाने के बाद कॉम्बिंग में जुटी टीमों को पांच सुरक्षा किट भी मुहैया करवाई गई हैं।