ऐसे में महाकुंभ में पधारे प्रमुख अखाड़ों के साधु-संत और बाबा लोग कैसे पीछे रहते। अखाड़े के बाबाओं ने भी अपने आपको डिजिटल करने के साथ ही अपनी व्यवस्थाओं को भी डिजिटली हाईटेक कर लिया। सिक्योर मैसेज टॉकिंग लिए अखाड़ा के टॉप बाबाओं को वॉकी टॉकी पर कमांड एंड कम्युनिकेशन करते देखा जा सकता है। किसी पुलिस थाने की तरह ही इनके शिविर में भी कमान कंट्रोल रूम बना हुआ है।
बाबाओं की डिजिटल दुनिया
जैसे पुलिस अधिकारियों को वायरलेस पर कमांड और कम्यूनिकेशन करते हैं, ठीक उसी तरह से ये बाबा लोग भी आपस में संदेशों को गोपनीय तरीके से आदान-प्रदान कर रहे हैं। किसी विशेष परिस्थिति या आपदा में चंद सेकेंड में पूरी स्थिति की जानकारी प्रसारित और नियंत्रित की जा सकती है। सुरक्षा को देखते हुए अखाड़े की बड़े बाबाओं यानी पदाधिकारी ने यह व्यवस्था तैयार की है।
पंचदशनाम-आवाहन अखाड़ा के सचिव गीता नंद गिरि महराज का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाईटेक डिजिटल व्यवस्था से अखाड़े के साधु संत प्रेरित हैं। अब अखाड़े की भी अधिकांश व्यवस्थाएं ऑनलाइन और डिजिटली संपादित हो रही हैं। इसी क्रम में हमने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को भी हाईटेक किया है। सरकारी पुलिस प्रशासन की व्यवस्था के साथ ही अखाड़े की अपनी सुरक्षा व्यवस्था भी है, जिसको हाईटेक किया गया है। इसमें वॉकी-टॉकी काफी मददगार है। फिलहाल अभी 10 वॉकी टॉकी अखाड़े में सक्रिय है, जिनके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।