कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के केंद्र सरकार पर वोट चोरी के आरोपों ने देशभर में बयानबाजी का बाजार गर्म कर रखा है। ऐसे में अब इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए बेमतलब और बेतुका बताया। पवार ने कहा कि विपक्षी दल ऐसे मुद्दे सिर्फ चुनाव हारने के बाद ही उठाते हैं। पवार ने ये बात नागपुर एयरपोर्ट पर एनसीपी के चिंतन शिविर से पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
बता दें कि वोट चोरी के आरोपों को लेकर एक बार फिर गुरुवार को राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार ने उन लोगों को बचा रहे हैं जिन्होंने लोकतंत्र को नष्ट किया है। उन्होंने कर्नाटक की एक विधानसभा सीट का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस समर्थकों के वोट चुनाव से पहले योजनाबद्ध तरीके से हटाए जा रहे हैं। साथ ही, राजुरा सीट में वोटरों को ऑटोमैटिक सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जी तरीके से जोड़े जाने का आरोप भी लगाया।
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राहुल के आरोपों पर क्या बोले पवार?
राहुल गांधी के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीत पवार ने कहा कि राहुल गांधी की बातों का कोई मतलब नहीं है। जब लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की 48 में से 17 सीटें महायुति को और 31 सीटें महा विकास अघाड़ी को मिली थीं। तब ईवीएम ठीक काम कर रही थी, वोटों की गिनती सही थी और किसी ने नाम जोड़ने या हटाने की कोई शिकायत नहीं की थी। अब जब हार हो गई है, तो नए-नए आरोप लगाए जा रहे हैं। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को अनुचित बताया और कहा कि बार-बार हार के बाद चुनाव प्रणाली को कटघरे में खड़ा करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
अन्य राज्यों में इंडिया गठबंधन की जीत का दिया हवाला
पवार ने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन ने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में जीत हासिल की थी। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सरकार बनाई। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में दो बार और पंजाब में एक बार जीत दर्ज की। अगर चुनाव आयोग पक्षपाती होता, तो ये जीत संभव नहीं होती। अजीत पवार ने यह भी कहा कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में संविधान बदलने की झूठी अफवाहों का जवाब जनता ने दिया और लाड़की बहन योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की वजह से महायुति को जीत मिली।
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