कभी आपने गौर किया कि हिंदी फिल्में और हिंदी वेब सीरीज बनाने वाली कंपनियां कितनी ही बड़ी हों, घरों में काम करने वाली सहायिकाओं को लेकर उनकी सोच एक जैसी ही होती है और आमतौर पर इतनी छोटी होती है कि इन्हें ये सारी ‘मेड्स’ काली, सांवली और गैर साइज जीरो ही नजर आती हैं। इनके किरदार करने के लिए कास्टिंग डायरेक्टर्स के पास भी एक सेट पैमाना है, गिनी चुनी 10-12 सांवली अभिनेत्रियां हैं और ऐसे किरदारों के लिए घूम फिरकर पहली कॉल इन्हीं के पास आती है। और, तुर्रा ये है कि एक बार ऐसा कोई किरदार किसी अभिनेत्री ने अगर कर लिया, तो फिर किसी दूसरी फिल्म या सीरीज में दूसरा कोई किरदार पाने के लिए इन्हें सौ पापड़ बेलने होते हैं। आइए आपको मिलवाते हैं, घरेलू सहायिकाओं की भूमिकाएं करने वाली ऐसी ही कुछ दमदार अभिनेत्रियो से…

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फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आए मेड्स के किरदार
– फोटो : अमर उजाला

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वेब सीरीज डब्बा कार्टेल में निमिषा सजायन
– फोटो : इंस्टाग्राम-@nimisha_sajayan
निमिषा सजायन – डब्बा कार्टेल (2025)
एक्सेल एंटरटेनमेंट की सीरीज ‘डब्बा कार्टेल’ को जब शोनाली बोस निर्देशित कर रही थीं, तब से लेकर अब जबकि ये सीरीज हितेश मेहता के निर्देशन में रिलीज हुई, जिस एक किरदार का विवरण कास्टिंग डायरेक्टर्स ने एक जैसा रखा, वह है इस डिब्बा गैंग में शामिल मेड का किरदार। ये भूमिका निमिषा सजायन को मिली है। वह एक नौकरानी की भूमिका में हैं। किरदार उन्होंने काफी संजीदगी से निभाया है और उनकी तारीफ भी हो सकती थी, बस एक टाइप्ड किरदार के लिए टाइप्स रंग, रूप और बोली के चलते सीरीज भी हल्की पड़ गई और उनका किरदार भी।

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फिल्म ‘लस्ट स्टोरीज 2’ में अमृता सुभाष
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
लस्ट स्टोरीज 2 – अमृता सुभाष (2023)
नेटफ्लिक्स के लिए करण जौहर की कंपनी धर्मा एंटरटेनमेंट की बनाई सीरीज ‘लस्ट स्टोरीज’ में चार कहानियां दिखाई गई है जिसमें से एक है ‘द मिरर’। कोंकणा सेन शर्मा द्वारा निर्देशित इस कहानी में अमृता सुभाष ने घरेलू सहायिका की भूमिका निभाई है, जो सिर्फ काम करने नहीं, बल्कि अपने मालकिन (इशिता) के घर में न रहने पर उसके बिस्तर का इस्तेमाल अपने पति के साथ वहां यौन संबंध बनाने के लिए करती है। सीमा का अपना घर छोटा है, बच्चे भी वहां होते हैं तो उसे वहां ऐसा सब करने में दिक्कत होती है। मालकिन को इसका पता चलता है तो वह इसका उपयोग अपने यौन सुखी की तृप्ति करने के लिए करती है। अमृता सुभाष का अभिनय यहां उतना प्रभावी नहीं है जितना आम तौर पर होता है लेकिन एक घरेलू सहायिका के रूप में उनकी कास्टिंग उसी सोच का नतीजा मालूम होती है जिसके तहत एक खास रंग, रूप, कद और काठी की अभिनेत्रियों को ये रोल दिए जाते हैं।

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फिल्म अजीब दास्तां में नुसरत भरूचा
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
अजीब दास्तां – नुसरत भरूचा (2021)
इस एक फिल्मावली ने घरेलू सहायिका का क्लीशे तोड़ने की कोशिश जरूर की क्योंकि यहां ये किरदार मिला दमदार अदाकारा नुसरत भरूचा को। मीनल को यहां एक स्ट्रीट-स्मार्ट घरेलू नौकरानी के रूप में दिखाया गया है जो अपनी छोटी बहन बिन्नी के साथ झुग्गियों मे रहती है। अपने इस किरदार में नुसरत ने पूरी जान डालने की कोशिश की और छोटी बस्तियों की मानसिकता के बीच रहते हुए अमीर घरों की जहनियत के साथ एक पुल बनाने की कोशिश करता उनका किरदार भी इस फिल्मावली में काफी प्रभावी रहा।

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फिल्म ‘सर’ में तिलोत्तमा शोम
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
सर- तिलोत्तमा शोम (2018)
एक अनूठी कहानी है जो रिश्तों और सामाजिक भेदभाव की पड़ताल करती है। फिल्म में तिलोत्तमा शोम और विवेक गोम्बर ने अभिनय किया है। तिलोत्तमा शोम ने इसमें रत्ना नाम की घरेलू सहायिका का किरदार निभाया, जो सपनों को जीना चाहती है लेकिन समाज की जंजीरों में बंधी है। इस फिल्म में अमेरिका से लौटे आर्किटेक्ट अश्विन को अपनी विधवा नौकरानी रत्ना से प्यार हो जाता है, जो फैशन डिजाइनर बनने का सपना देखती है।निर्देशक रोहेन गेरा ने इस फिल्म मे नौकर और मालिक के बीच बनते भावनात्मक रिश्ते को बखूबी उभारा। इस फिल्म में एक घरेलू नौकरानी की मुख्य भूमिका निभाने के लिए तिलोत्तमा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड भी मिला लेकिन इसके बाद उनके पास इस तरह के किरदारों की लाइन लग गई थी। और, ये फिल्म भी तिलोत्तमा के पास शायद उनकी फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग’ के चलते ही आई।