केंद्र ने गत 14 नवंबर को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया। एक संयुक्त बयान में दस कुकी विधायकों ने कहा कि पिछले वर्ष तीन मई से मैतेयी विद्रोहियों द्वारा लूटे गए छह हजार से अधिक अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी के लिए पूरे राज्य में अफस्पा लागू किया जाना चाहिए।
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के दस कुकी विधायकों ने लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए अफस्पा पूरे राज्य में लागू करने की मांग की है। इन विधायकों में राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सात विधायक भी शामिल हैं। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में दोबारा अफस्फा लागू करने और जिरीबाम में तीन बच्चों व तीन महिलाओं की हत्या के विरोध में इंफाल घाटी में प्रदर्शन किए गए। जबकि राज्य के पांच जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई।
मैतेयी विद्रोहियों ने लूटे अत्याधुनिक हथियार
केंद्र ने गत 14 नवंबर को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया। एक संयुक्त बयान में दस कुकी विधायकों ने कहा कि पिछले वर्ष तीन मई से मैतेयी विद्रोहियों द्वारा लूटे गए छह हजार से अधिक अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी के लिए पूरे राज्य में अफस्पा लागू किया जाना चाहिए।
क्योंकि हिंसा रोकने के लिए यह जरूरी है। इधर, मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की आठ कंपनियां राज्य की राजधानी इंफाल पहुंच गई हैं। इन्हें संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इन कंपनियों में से एक महिला बटालियन की है।
मणिपुर में अर्धसैनिक बलों की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजेगा केंद्र
महाराष्ट्र में चुनावी रैलियों को रद कर राष्ट्रीय राजधानी लौटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार दूसरे दिन मणिपुर के हालात की समीक्षा की। शाह ने राज्य व केंद्रीय सुरक्षा बलों को राज्य में जारी हिंसा को तत्काल रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की अतिरिक्त 50 कंपनियों को राज्य सरकार की मदद के लिए मणिपुर भेजने का निर्णय लिया है।
दो दिन पहले ही गृह मंत्रालय सीएपीएफ की 20 कंपनियां मणिपुर भेज चुका है। केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में शाह ने हिंसाग्रस्त इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती और हिंसा रोकने के लिए अभी तक उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी ली। शाह ने सभी अधिकारियों को तत्काल हिंसा रोकने का निर्देश दिया।
सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां तत्काल भेजने का फैसला किया गया
हिंसाग्रस्त इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती में कमी दूर करने के लिए सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां तत्काल भेजने का फैसला किया गया है, जो देश के विभिन्न भागों से एक-दो दिनों में मणिपुर पहुंच जाएंगी।शाह ने स्पष्ट कर दिया कि हिंसा की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सुरक्षाबलों को पर्याप्त कानूनी सुरक्षा पहले ही दी जा चुकी है।
ध्यान देने की बात है कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के हिंसाग्रस्त पांच जिलों के छह थाना क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए अफस्पा (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) लागू कर दिया है। अफस्पा लागू होने के बाद आपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों को कानूनी सुरक्षा मिल गई है।