भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने की बजाय शोरूम खोलने में रुचि दिखा रही है। मर्सिडीज फॉक्सवैगन स्कोडा हुंडई और किआ जैसी कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने की इच्छा जताई है। सरकार इलेक्ट्रिक कार निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए स्कीम लाई है जिसके तहत कंपनियां कम शुल्क पर कारों का आयात कर सकती हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने की जगह शो-रूम खोलने में दिलचस्पी दिखा रही है। वहीं, मर्सिडीज, फॉक्सवैगन, स्कोडा, हुंडई और किया जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए इच्छा जाहिर की है। इन कंपनियों ने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रिक कार के निर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक कार निर्माण से जुड़ी स्कीम को सोमवार को अधिसूचित कर दिया।
जून से इच्छुक कंपनियां कर सकेगी आवेदन
भारत में इलेक्ट्रिक कार का निर्माण करने की इच्छुक कंपनियां इस स्कीम के तहत आवेदन कर सकेंगी। जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। भारी उद्योग मंत्री एच.डी.कुमारास्वामी ने बताया कि इस स्कीम के तहत आवेदन करने वाली कंपनियां निवेश की मंजूरी के बाद पांच साल के लिए विदेश से भारत में इलेक्ट्रिक कार का आयात कर उसे बेच सकेंगी।
इस आयात पर उन्हें सिर्फ 15 प्रतिशत का शुल्क देना होगा। कार की कीमत कम से कम 35,000 डॉलर होनी चाहिए और मंजूरी प्राप्त कंपनी हर साल अधिकतम 8000 इलेक्ट्रिक कार का आयात कर सकेंगी। वर्तमान में इलेक्टि्रक कार के आयात पर 75 प्रतिशत का शुल्क लगता है।
क्या है कंपनियों के सामने शर्त?
इस प्रकार कंपनी को पांच साल में आयात शुल्क में 6484 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा। लेकिन इस लाभ को लेने के लिए उन्हें भारत में इलेक्ट्रिक कार के निर्माण के लिए तीन साल में कम से कम 4150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। इस राशि का अधिकतम पांच प्रतिशत कंपनियां चार्जिंग स्टेशन लगाने पर भी खर्च कर सकती है।
टेस्ला अब भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण में दिलचस्पी नहीं दिखा रही
4150 करोड़ के निवेश में जमीन के मूल्य को शामिल नहीं किया गया है। कुमारस्वामी ने बताया कि टेस्ला अब भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है और इलेक्ट्रिक कार निर्माण को लेकर उनकी तरफ से कोई पूछताछ नहीं की गई है। जबकि अन्य कंपनियां मंत्रालय के संपर्क में है।
उन्होंने कहा कि अगले दो साल में इच्छुक कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कार का निर्माण शुरू कर सकती है। इससे देश में इलेक्ट्रिक कार के निर्माण का इको-सिस्टम तैयार होगा। अभी भारत की कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक कार की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत है। सरकार अगले मार्च तक 72,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने जा रही है।यह भी पढ़ें: Exclusive: स्पोर्ट्स बाइक्स और Electric Vehicle पर Yamaha India के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ने क्या दी जानकारी, पढ़ें खबर