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Meta पर लगा 213 करोड़ रुपये का जुर्माना, यूजर्स का डाटा साझा करने पर CCI ने की कार्रवाई

Byadmin

Nov 19, 2024


सीसीआई ने वाट्सएप को मेटा के स्वामित्व वाले अन्य कंपनियों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए यूजर्स का डाटा पांच साल तक साझा नहीं करने का निर्देश दिया है। प्रतिबंध की अवधि आदेश की प्राप्ति की तारीख से शुरू होगी। वाट्सएप की 2021 की गोपनीयता नीति को लागू करने यूजर्स का डाटा जुटाने और मेटा की अन्य कंपनियों से साझा करने के मामले में यह जुर्माना लगाया गया है।

एजेंसी, नई दिल्ली। Meta fined by CCI भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने इंटरनेट मीडिया कंपनी मेटा पर सोमवार को 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीआइ ने वाट्सएप को मेटा के स्वामित्व वाले अन्य कंपनियों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए यूजर्स का डाटा पांच साल तक साझा नहीं करने का निर्देश दिया है। प्रतिबंध की अवधि आदेश की प्राप्ति की तारीख से शुरू होगी।

प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर हुई कार्रवाई

देश के प्रतिस्पर्धा नियामक ने मेटा (Meta fined by CCI ) की प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों के लिए यह कार्रवाई की है। मेटा ने 2021 में वाट्सएप की गोपनीयता नीति को अपडेट करने के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीका अपनाया था और अपने प्रभुत्वपूर्ण स्थिति का दुरुपयोग किया था। सीसीआइ ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों को बंद करने का निर्देश दिया।

यूजर्स का डाटा किया साझा

आदेश में सीसीआई ने कहा कि वाट्सएप की 2021 की गोपनीयता नीति को लागू करने, यूजर्स का डाटा जुटाने और मेटा की अन्य कंपनियों से साझा करने के मामले में यह जुर्माना लगाया गया है। मेटा और वाट्सएप को प्रतिस्पर्धा विरोधी मुद्दों के समाधान के लिए निश्चित समय-सीमा के भीतर व्यावहारिक उपायों को लागू करने का भी आदेश दिया गया है। वाट्सएप के जरिये भारत में मैसेजिंग एप के बाजार में मेटा ग्रुप का प्रभुत्व है।

इसके अलावा यह भी पाया गया कि भारत में आनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन में मेटा अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अग्रणी स्थान रखता है। जनवरी 2021 से वाट्सएप ने यूजर्स को अपनी सेवा की शर्तों और गोपनीयता नीतियों के अपडेट के बारे में सूचित किया।

यूजर्स को अब माननी होगी शर्तें

ये भी कहा गया है कि वाट्सएप का उपयोग जारी रखने के लिए यूजर्स को इन शर्तों को स्वीकार करना आवश्यक है, जिसमें मेटा की कंपनियों के साथ अनिवार्य डाटा साझा करना शामिल है। इससे पहले 2016 की पिछली गोपनीयता नीति के तहत वाट्सएप यूजर्स को यह निर्णय लेने का विकल्प दिया गया था कि वे अपना डाटा फेसबुक के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं।

प्रभावी विकल्पों की कमी के कारण यूजर्स को वाट्सएप को मजबूरी में वाट्सएप के अपडेट को स्वीकार करना पड़ा। इस तरह मेटा ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया। सीसीआइ ने कहा कि भारत में सभी यूजर्स (जिनमें 2021 अपडेट को स्वीकार करने वाले यूजर्स भी शामिल हैं) को आप्ट-आउट विकल्प के माध्यम से डाटा साझाकरण को प्रबंधित करने का विकल्प मिलेगा।

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