अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप के अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा पर विल्सन सेंटर स्थित दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने इसे भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी में अब तक का सबसे बड़ा संकट बताया है।
माइकल कुगेलमैन ने कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका और भारत के बीच जिस तरह के संबंध विकसित हुए हैं, उन्हें देखते हुए ट्रंप का यह फैसला बहुत चौंकाने वाला नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप शुरू से ही टैरिफ लगाने के पक्ष में रहे हैं। भले ही इससे भारत और अमेरिका के संबंधों को नुकसान पहुंचे, फिर भी मुझे हैरानी नहीं है कि उन्होंने अपनी धमकी को हकीकत में बदल दिया है।
#WATCH | Washington DC | On US President Trump announcing a 25% extra tariff on India, Director of the South Asia Institute at the Wilson Center, Michael Kugelman says, “…Unfortunately, given just how the relationship has been developing in recent days, this new announcement is… pic.twitter.com/jfsutuKvg5
— ANI (@ANI) August 6, 2025
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पिछले दो दशकों में रणनीतिक साझेदारी में सबसे बड़ा संकट
कुगेलमैन ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी में यह अब तक सबसे बड़ा संकट है। लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि इस रिश्ते को बचाया जा सकता है, सिर्फ इसलिए नहीं कि दोनों देशों के कुछ फायदे और रणनीतिक लक्ष्य समान हैं, बल्कि इसलिए भी कि ये रिश्ता कई स्तरों पर बना है। इसमें बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दोनों देश साथ मिलकर काम करते हैं, और यही चीजें इस रिश्ते को एक झटका झेलने लायक मजबूती देती हैं।’
#WATCH | Washington DC | On being asked about why President Trump is not punishing China, but targeting India (for Russian imports), Director of the South Asia Institute at the Wilson Center, Michael Kugelman says, “…China has not stood out there and refused to let President… pic.twitter.com/OkDwhu7S7t
— ANI (@ANI) August 6, 2025
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चीन ने ट्रंप को सलाह देने जैसी कोई हरकत नहीं की
जब कुगेलमैन से पूछा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत को निशाना क्यों बना रहे हैं, जबकि चीन को नहीं। खासकर तब जब भारत रूस से सामान खरीद रहा है। इस पर कुगेलमैन ने जवाब दिया, ‘चीन ने खुलकर सामने आकर राष्ट्रपति ट्रंप को युद्धविराम में उनकी भूमिका का श्रेय लेने से इनकार नहीं किया है। चीन के नेता ने ट्रंप के साथ लंबी बातचीत करने या उन्हें सलाह देने जैसी कोई हरकत नहीं की है। लेकिन भारत ने ऐसा किया है। इसलिए मुझे लगता है कि शायद राष्ट्रपति ट्रंप भारत से ज्यादा नाराज हैं और इसी वजह से वे व्यापार और शुल्क के मामले में अपनी सबसे ज्यादा नाराजगी भारत सरकार पर निकाल रहे हैं। सच कहें तो यह दोहरी नीति है, यह पक्षपात है। आप इसे जो भी नाम देना चाहें।’