वसीम रिजवी कौन हैं?
वसीम रिजवी लखनऊ के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह राजनेता, वकील और फिल्म निर्माता हैं। उनके पिता रेलवे में सामान्य कर्मचारी थे। कक्षा छह में पढ़ाई के दौरान उनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी मां ने उन्हें और उनके भाई-बहनों को संभाला। वसीम रिजवी अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की। उच्च शिक्षा के लिए नैनीताल के कॉलेज में दाखिला लिया। वहां उनका संपर्क बढ़ा और वह सऊदी अरब में शौचालय में सफाई का काम करने चले गए।
सऊदी अरब में काम करने के दौरान उन्हें जापान जाने का मौका मिला। जापान के कारखाने में काम करते हुए वह अपने संपर्कों का उपयोग कर अमेरिका चले गए। अमेरिका में उन्होंने एक स्टोर में काम किया। इस बीच वसीम रिजवी का सामाजिक संबंध बेहतर होने लगा। उन्होंने लखनऊ नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद वह शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और अध्यक्ष तक का सफर तय किया। करीब 10 सालों तक वह यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में रहे।
विवादों से घिरे रहे हैं वसीम
वसीम रिजवी अपनी कार्यशैली की वजह से हमेशा विवादों में रहे हैं। लखनऊ में उनके ऊपर कई केस दर्ज हैं। जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने दो शादियां की। दोनों पत्नियों अलग-अलग रहती हैं। उनकी बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा भी है। दिसंबर 2021 में गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद गिरि महाराज की उपस्थिति में उन्होंने घर वापसी की थी।
2000 में शुरू किया राजनीतिक सफर
वसीम रिजवी ने अपना राजनीतिक कैरियर समाजवादी पार्टी से शुरू किया था। वर्ष 2000 में लखनऊ ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से वह वार्ड पार्षद चुने गए। 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निकाल दिया। उन पर पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगा था।
विवादित बयानों से चर्चा
वसीम रिजवी ने देश की नौ विवादित मस्जिदों को हिंदुओं को सौंपने वाला बयान देकर विवाद शुरू किया था। उन्होंने बाबरी मस्जिद को हिंदुस्तान की धरती पर कलंक की तरह बताया था। साथ ही, चांद तारा वाले हरे झंडे को इस्लामिक झंडा न बताकर पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से जुड़ा बताया था। उन्होंने मदरसों को लेकर भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यह आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। यह देश के मुसलमानों के लिए अच्छे नहीं हैं।
वसीम रिजवी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन करते हुए इसे देश में लागू करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जानवरों की तरह बच्चा पैदा करने से देश को नुकसान होगा। इसके अलावा वसीम रिजवी ने मार्च 2021 में कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी।