अहमदाबाद/भावनगर: देश के प्रसिद्ध कथाकार और आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू की पत्नी का निधन हो गया है। बुधवार रात को का कल देर रात को नर्मदाबेन मोरारीदास हरियाणी ने अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 75 साल थी। उन्होंने भावनगर जिले के महुवा तालुका के तलगाजर्दा गांव में अपने निवास पर अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से नर्मदाबेन की तबीयत खराब चल रही थी और उन्होंने पिछले दो दिनों से खाना भी नहीं खाया था। मोरारी बापू और नर्मदाबेन की शादी वनोट गांव में हुई थी और उनके चार बच्चे थे। इनमें एक बेटा और तीन बेटियां है।
तलगारडा में अंतिम विदाई
मोरारी बापू की पत्नी से निधन से भावनगर समेत गुजरात और देश-विदेश में बापू के जुडे़ लोगों में शोक की लहर है। जानकारी के अनुसार भावनगर जिले के महुआ तहसील में आने वाले तलगाजरडा (Talgajarda) में पत्नी नर्मदाबेन का अंतिम संस्कार किया है। सुबह 9 बजे उन्हें नम आंखों से समाधि दी गई। मोरारी बापू का इसी गांव में रहते हैं। 1946 में जन्में मोरारी बापू राम चरित मानस का प्रवचन करते हैं। देश-विदेश में करोड़ों की संख्या में उनके श्रोता हैं। मोरारी बापू ने 1976 में नैरोबी, केन्या में पहली बार अंतरराष्ट्रीय राम कथा का आयोजन किया था।
तलगारडा में अंतिम विदाई
मोरारी बापू की पत्नी से निधन से भावनगर समेत गुजरात और देश-विदेश में बापू के जुडे़ लोगों में शोक की लहर है। जानकारी के अनुसार भावनगर जिले के महुआ तहसील में आने वाले तलगाजरडा (Talgajarda) में पत्नी नर्मदाबेन का अंतिम संस्कार किया है। सुबह 9 बजे उन्हें नम आंखों से समाधि दी गई। मोरारी बापू का इसी गांव में रहते हैं। 1946 में जन्में मोरारी बापू राम चरित मानस का प्रवचन करते हैं। देश-विदेश में करोड़ों की संख्या में उनके श्रोता हैं। मोरारी बापू ने 1976 में नैरोबी, केन्या में पहली बार अंतरराष्ट्रीय राम कथा का आयोजन किया था।
14 साल में बने कथाकार
मोरारी बापू अपने कार्यक्रमों से समाज के सभी वर्गों को छू चुके हैं। 79 साल आयु पूरी कर चुक मोरारी बापू कथा के अलावा अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन पैदा हुए। बारह वर्ष की आयु तक मोरारी बापू ने पूरी रामचरित मानस को कंठस्थ कर लिया था। चौदह वर्ष की आयु में उन्होंने रामकथा का वाचन और गायन प्रारंभ कर दिया था। मोरारी बापू अभी गुजरात के महुआ स्थित श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट में ही रहते हैं।